Monday, November 19, 2012

Collection of pearls from LK Pt VI from Jagmohan Mahajan

लाल किताब ... बिखरे मोती 26

by Jagmohan Mahajan on Sunday, June 24, 2012 at 4:39pm ·
घर में पति पत्नी की बातचीत  "जब से बेटी का विवाह हुआ है ....घर में बरकत ही बरकत है !"
पड़ोसियों की बातचीत .... "शर्मा जी ने जब से अपनी बेटी की शादी की है ...घर में हर तरफ
से सम्पनता ही टपक रही है ! लगता है कि बेटी की किस्मत ही खराब थी ! शायद मनहूस थी
तभी तो शर्मा जी कोई खास तरक्की नहीं कर पा रहे थे ! जैसे ही बेटी घर से गयी ...अमीरी आ गयी " !

आपने भी अक्सर ऐसी बाते देखी या सुनी होंगी ! क्या वास्तव में ही शर्मा जी की बेटी मनहूस थी ..
जब तक पिता के परिवार (मायके) में रही ..गरीबी में ही रही ..कोई सुख सुविधा नहीं देखी !
सारा समय छोटे छोटे कामो में या ऐसे ही गुजार दिया ..बस जीवन ऐसे था ... जैसे गुज़र बसर हो
रही हो ! क्या इसके लिए बेटी के ग्रहों को दोष दिया जा सकता है ? क्या वास्तव में ही उसकी
किस्मत खराब थी ? सवाल तो बहुत हैं लेकिन जवाब तलाशते हैं लाल किताब के द्वारा !
क्योंकि लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी बुध खाना / भाव नम्बर 7 में हो और उसी समय शनी खाना / भाव नम्बर 3 में हो उनके लिए लिखा है :-

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औरत का घराना अमीर हो जायेगा !
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बुध सात  में लिखा है                                                                
बैठा शनी हो घर जब तीजे ..ससुर अमीरी होती हो
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यह सब बाते उस समय काम आती हैं जब  बेटे / बेटी का रिश्ता करते हैं और गुण मिलान करते हैं !
अगर उसी समय दुसरे ग्रहों पर भी नज़र डाली जाये तो बहुत कुछ देखने सीखने को मिलता है !
ऐसे जातक जिनका बुध सात में हो और साथ के साथ उसी कुंडली में शनी तीन हो ... यह दोनों
ग्रहों की पोजीशन जिस किसी की भी कुंडली में होगी ..औरत हो या मर्द उसका ससुराल अमीर
हो जायेगा ! अगर औरत/लड़की की कुंडली में यह पोजीशन है तो यूँ समझे की उसका ससुराल
अमीर हो जायेगा ! तब पडोसी या घर के दुसरे सदस्य यह कहेंगे की जब से बहु घर में आयी है
बरकत ही बरकत है ! अब सुख का सांस मिला है ! कितनी किस्मत वाली है ! ऐसे ही अगर आपको
दामाद में यह ग्रह मिलते हैं तो समझे कि दामाद घर में खुशहाली ले आएगा ! दुसरे ग्रहों की पोजीशन
देख कर आप अपने लिए तथा या फिर आपके पास आये  माँ बाप जो रिश्ते के लिए मिलान के लिए
आपके पास आये हैं  उनको सलाह दे सकते हैं कि ऐसे ग्रह वाले जातक के साथ अपने बेटे/बेटी का
विवाह कर दें ताकि घर में खुशहाली / तरक्की /सुख सुविधा हर तरह से मजूद रहे ! ऊपर की पहली
हालत में आप बेटी को दोष न देकर आप यह समझे कि आपको दामाद ही ऐसा मिला है जिसके नसीब
में अमीर ससुराल लिखा है ! ऐसे ही बहु के नसीब में अमीर ससुराल लिखा है ! दोनों हालतों में अगर
ससुराल अमीर नहीं हैं तो अमीर हो जायेंगे ससुराल वाले !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 27

by Jagmohan Mahajan on Monday, June 25, 2012 at 3:03pm ·
"सर दर्द कर रहा है ....
सारा दिन घूमता रहा हूँ आर्डर लेने को ..
कोई खास आर्डर नहीं मिला ..ज़रा चाय बनायो...
चाय पी कर तरो ताज़ा महसूस करूँ ...अपने आप को ... "
घर आते ही पति महोदय ने अपनी पत्नी से ऐसे ही बात की !
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"माँ आज मुझे नौकरी मिल गयी "
बहुत बड़ी कम्पनी है ...सेल्ज़-मैन की नौकरी है ..काफी अच्छी पगार है !
कुछ दिनों / महीनो  के बाद
"माँ आज नौकरी से जवाब मिल गया "
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यह सब कुछ आम होता है ,लेकिन ऊपर की दोनों हालतों में एक बात आपने गौर की है क्या ?
दोनों व्यक्ति जो काम करते हैं , उसके लिए दोनों घूमते हैं ..एक अपनी नौकरी की खातिर
और एक अपने काम के लिए ! लेकिन दोनों परेशान हैं...काम का नतीजा अच्छा नहीं है दोनों के लिए !
एक का काम नहीं चल रहा आर्डर नहीं मिल रहे और दुसरे को भी कुछ इसी तरह के हलात का
सामना करना पड़ा होगा तभी नौकरी से जवाब मिल गया ! इन दोनों को ऐसे हलात का सामना क्यों करना पड़ रहा है ? देखते हैं लाल किताब इस बारे क्या कहती है ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी शनी खाना / भाव नम्बर 10 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-

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भारी पहाड़ की तरह स्थिर होकर यानी बैठा ही रहकर काम करने वाला हो या ऐसे काम हों जिनमे बैठा
ही रहना पड़े तो फायदेमंद लेकिन अगर दौड़ने भागने या (OUT DOOR DUTIES ) में हरदम मारा मारा फिरने वाला हो
तो मुर्दा सांप की तरह हर एक के पांवो तले आता होगा !
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अर्थात शनी दस वाले को ऐसे काम करने चाहिए जिनमे बैठना हो ..लेकिन घूम फिर कर आर्डर लेने
या घूमते ही रहना हो काम के लिए /नौकरी ऐसी है ,, तो नुकसान-देय होगा  ! जैसे सांप से सब डरते हैं ,,
तभी तक जब वो अपने बिल में है ,, अगर बाहर आ जाये तो लोग मार देते हैं ..डरते नहीं !  सांप बिल में
हो तो लोगो को डर सा लगा रहता है कि पता नहीं अन्दर कौन सा / या कैसा सांप है ! शनी दस वाला
जैसे ही घूम फिर कर काम करने का आदि हो जायेगा इज्ज़त भी कम होती जाएगी ! गया तो काम / आर्डर
के लिए लेकिन लोग उसको देख कर यही कहेंगे कि आ गया सर खाने या उसको टालने कि कोशिश करेंगे
कि कल / परसों आर्डर देंगे ! काम का नतीजा नहीं मिलेगा ! जितनी मर्ज़ी मेहनत कर ले ! अगर यही व्यक्ति
अपने दफ्तर से फोन करके आर्डर मांगे तो तुरंत मिल जायेगा ! घर बैठे / दफ्तर में बैठे ही काम चलेगा
लेकिन बैठा रहे अपनी जगह ! पुराने व्यापारी भी देखिये जैसे अपनी गद्दी पर बैठे ही रहते थे ! अगर
शनी दस वाला घूम फिर कर काम न करे तो ही अच्छा है ! एक जगह टिक बैठ कर करने वाली नौकरी
या अपना काम ही अच्छा नतीजा देगा ! आप भी अपने लिए अगर आपका शनी दस है या अपने पास
आये ये शनी दस वाले जातक को यही सलाह देकर उसका भला कर सकते हैं !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 28

by Jagmohan Mahajan on Tuesday, June 26, 2012 at 5:44pm ·
"भाई साहिब आपने जो चेक दिया था ..बैंक ने वापिस भेज दिया ..आपके खाते में पैसे नहीं थे !"
"कोई बात नहीं आ कर पैसे लेजाना आज में बाहर हूँ (झूठ ).....कल आ जाना "
यह दो व्योपारी भाइयों /लोगो  की बातचीत !
अगले दिन क्या हुआ ..पैसे लेने वाला जब दुकान पर आया तो गाली गलोच शुरू कर दिया जिसने
पैसे देने थे उसीने ! जिसने पैसे लेने थे उसको पीट भी दिया और इलज़ाम लगाया कि चोरी करने आया था !
कचहरी में साबित हो गया कि चोरी का आरोप झूठा  था ..बल्कि यह सब पैसे न देने पड़े इसलिए किया गया है...
पैसे लेने वाले ने साबित कर दिया कि यह व्यक्ति हमेशा ही उसके साथ झूठे वादे करता रहा है और जब चेक
दिया तो वो भी बिना भुगतान के वापिस मिल गया ! उल्टा मुसीबत गले पड़ गयी (जो सही थी ) ,
चेक वापिसी की वजह से जेल जाना पड़ा ! जो काम थोडा बहुत चल रहा था वो भी समाप्त और
जेल से वापिसी पर बाज़ार में साख न होने पर उधार न मिल पाने कि वजह से काम बंद और इसी
वजह से बीमारी ने घेर लिया !
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"बेटा तुम दुकान पर बैठना ..गुप्ता जी आयें तो उन्हें कहना कि पापा दिल्ली गए हैं किसी रिश्तेदार
की मृत्यु हो गयी है चार पाँच दिन बाद आये ! "
गुप्ता जी से पहले भी काफी झूठ बोल चुके हैं अपने यह महाशय ! घर जाते समय रस्ते में ही दुर्घटना
हो गयी जिसमे चोटों की वजह से दुकान पर आना मुश्किल हो गया ! क्योंकि पांव और टांग में
प्लास्टर भी चडाना पड़ा डाक्टर को ! घर पर ही रहना पड़ा तो बेटा छोटा होने की वजह से काम
नहीं संभाल पाया और गलत संगत में पड़ गया !
देखने में यह कोई खास बात नहीं लगती ! लेकिन एक समानता है दोनों में.. झूठ बोलना
और वादे करना... दोनों एक दुसरे के गुरु होंगे ! दोनों झूठ / वादे न निभा पाने की वजह से
मुश्किल में आये ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी केतु खाना / भाव नम्बर 7 में हो उनके लिए हिदायत है :-

ज़बान मंदा बुध झूठा वायदा ...ज़हमत बीमारी पाता हो !!

मंदी जुबान और झूठा वायदा ज़हमत बीमारी देगा !


"अगले सप्ताह तुम्हारे लिए गले का हार ला दूंगा !"
"काम करो अगले महीने पगार बड़ा दूंगा !"
"इस महीने माफ़ कर दीजिये अब आपको शिकायत का मौका नहीं मिलेगा !"

अगला सप्ताह कभी नहीं आया ..घर में या जिस से वायदा किया उस से लड़ाई झगडा होना शुरू हो गया !
अगले महीने पगार नहीं बड़ाई ! दो तीन महीने बाद वफादार कर्मचारी नौकरी छोड़ गया और काम कम
होने लग गया ! काम कम तो परेशानी बड गयी !
अगले महीने काम का अच्छा नतीजा क्या देना था ..बल्कि जैसे हमेशा करता था बाज़ार जाने के
बहाने घर चला जाता था ..फिर वैसा ही किया और नौकरी से जवाब मिल गया !

अक्सर यही चलता है ! लेकिन झूठ की बुनियाद पर व्योपार नहीं चलते !  नौकरी नहीं चलती ! 
झूठे वादे .. जिनका देना है समय पर न देने से व्योपार में उन्नति की सम्भावना .. नहीं रहती !
हो सकता है कि इस तरह कि चुस्ती चालाकी किसी को ठीक लगे लेकिन केतु सात वाला जैसे ही इस तरह
की बाते करेगा ..व्योपार और नौकरी में नुकसान ही प्राप्त करेगा ! रिश्तेदारी में ऐसा करेगा तो
संबध बिगाड़ लेगा ! कई बार तो ऐसी हालत हो जाती है कि निराशा के क्षण घेर लेते हैं और मानसिक
संतुलन बिगड जाता है !

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केतु सात वाला अगर जुबान कटे मगर जुबान से किया हुआ वादा न हटे
के असूल का हुआ तो कभी मायूस जिंदगी न होगी !
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अगर आप में या आपके किसी जातक ..जो आपके पास आये केतु सात हो तो उसको अपना वादा
पूरा करना है इस तरह का बना दें तो उसके लिए अच्छा ही रहेगा सारी जिंदगी ! समाज में और
अपने काम में उसका नाम रोशन ही होगा ! अगर निभा नहीं सकते तो केतु सात वाले को वादा करना ही नहीं चाहिए !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 29

by Jagmohan Mahajan on Thursday, June 28, 2012 at 12:19am ·
 " जैसा कि आप जानते हैं..आपके कहने पर ..कुंडली मिलने पर ही मैंने  बिटिया कि शादी की थी ! लेकिन जैसा कि हम चाहते थे या जैसा दामाद चाहते थे वैसा नहीं हुआ ...बिटिया खुश नहीं है ..हर समय हमें उलाहना देती रहती है कि कैसे घर में ब्याह दिया ! वो चाहती है कि सब कुछ छोड़ कर अपने मायके में आ जाये ,लेकिन संस्कार अच्छे हैं जो अभी तक नहीं आ रही ..कोई उपाय बताये जिस से उसको शादी शुदा जिंदगी ठीक चलने लग जाये ! "
ज्योतिषी जी ने कोई उपाय ..नाग/रत्न  ..पूजा पाठ ...बता दी और एक महीना बाद उसका नतीजा बताने को कहा !
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सब कुछ ठीक ठाक है लेकिन जब से बेटी ब्याही है ..... चैन नहीं मिल रहा रातों की नींद हराम हो गयी है !  हर समय ध्यान बेटी की तरफ ही रहता है ..सब कुछ दिया दहेज़ में ..लेकिन फिर भी बेटी परेशान ही रहती है !
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जब भी बहन घर आ जाती है ... ससुराल जाने का नाम ही नहीं लेती ..बहुत मुश्किल से भेजते हैं...न तो कोई परेशानी बताती है ... न ही कोई शिकायत करती है ..न ही ससुराल में इस तरह का माहौल है कि मारपीट होती हो ! लेकिन फिर भी ससुराल नहीं जाना चाहती
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ऊपर लिखित में से कोई भी घटना किसी के साथ भी घट सकती है !  यह सब ब्याह /विवाह  बिना कुंडली मिलान के नहीं हुए ! सब कुंडली मिला कर ..अच्छे अच्छे ज्योतिषियों से सलाह लेकर किये गए हैं ! फिर क्या कारण है कि लड़की / बेटी सुखी नहीं या अपने आप को खुश महसूस नहीं कर पा रही ! क्यों ससुराल में घुटन महसूस करती है और मायके का रुख करती है ! असल में सब में एक समानता है ! इन सब का विवाह मायके घर से जिस दिशा में किया गया है उसकी लाल किताब में मनाही ! लेकिन किस को मनाही और किस दिशा में मनाही है यही जानते हैं ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी बुध खाना / भाव नम्बर 6 में हो उनके लिए हिदायत है :-

लड़की होवे जो उतर ब्याही  ... सुखिया कभी न होती हो  !

अर्थात जिनका भी बुध छ हो उनको अपनी बेटी की शादी अगर उतर दिशा में करेगा तो बेटी कभी सुखी नहीं होगी !


यह लाल किताब का एक महत्व पूर्ण सूत्र है ... जिसकी शादी के समय पालना अवश्य करनी चाहिए ! देखने में यह आया है कि इस सूत्र की जानकारी ज़्यादातर ज्योतिषियों को नहीं है ! कुंडली मिलान तो कर देते हैं जो कि  बिलकुल सही होता है और न ही कभी किसी ज्योतिषी ने लड़की के बाप की कुंडली मांगी होती है ! लेकिन अगर आप इस सूत्र को जान गए हैं और आपको लड़की के बाप की कुंडली की जानकारी हो तो उसको सलाह दें कि बेटी की शादी उतर दिशा में न करे  ! उतर दिशा पुश्तैनी मकान से देखी जाएगी ! ऐसे हालत  में नौकरी करने वालो को बदली करवाने की सलाह देकर मैंने उनका घर बचाया है ...लेकिन मुश्किल तब आती है जब इस तरह का हल न किया जा सकता हो ! हाँ इस से यह फायदा उठाया जा सकता है कि अगर अब आपके पास कोई ऐसा शख्स आये जिसकी बेटी शादी के काबिल हो ..या आपके किसी भी जानकार के ..या आपके बुध छ हो तो बेटी की शादी उतर दिशा में न की जाये,, ऐसी हिदायत दे दें ! ऐसा अवश्य करे या उसको मानने की सलाह दें ! ऐसी हालत में जिस बेटी की शादी उतर दिशा में होगी वो ससुराल में कोई खास सुख नहीं पायेगी बल्कि दुखिया ही रहेगी लेकिन मायके में आते ही राहत महसूस करेगी ! यहाँ दोष कुंडली मिलान का नहीं बल्कि बाप के ग्रहों का है ! अगर आप बाप के ग्रहों के बारे जानते हैं तो ऐसी हिदायत की पालना अवश्य करें ,, जिस से बेटी का विवाहित जीवन सुखी रहे ! अगर हो सके तो बुध छ वाले की बहन की भी शादी उतर दिशा में न की जाये ! क्योंकि बुध छ वाले की बहन को भी उतर दिशा में ब्याह के बाद दुखी देखा गया है !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 30

by Jagmohan Mahajan on Monday, November 19, 2012 at 11:40am ·
                 
 "अच्छा भला काम चल रहा था पता नहीं किसकी नज़र लग गयी "
यह शिकायत शर्मा जी अपनी पत्नी से कर रहे थे !
शर्मा जी की पत्नी का जवाब .....
"आप तो कहा करते थे ,अगर कुछ रकम मिल जाये तो काम बहुत ही बढ़िया चल निकलेगा !
अब तो आपने बेटी ने जो पैसा अपनी पगार का ,, अपनी शादी के लिए जोड़ा था ,उसको अपने काम में लगा दिया है ,कुछ दिन ठीक रहा ,आप खुश भी थे ,आज फिर से आप तंगी का रोना रो रहे हैं !"
यह तो हुई एक घर में हो रही बातचीत का ब्यौरा !
अब दूसरी तरफ चलते हैं  !
चोपड़ा जी की बेटी का तलाक हो गया ..तलाक के बदले मिली रकम करीब पचहतर लाख (75 lac ) !
चोपड़ा जी ने वो रकम अपने कारोबार में लगा दी यह सोच कर कि जब भी ज़रूरत होगी (दुबारा शादी के समय ) बेटी पर लगा देंगे या उसको दे देंगे !
उस रकम से निवेश किया और विदेश से आया माल काफी मुनाफे पर बिक गया (चोपड़ा जी का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का व्योपार है ) !
लेकिन दूसरी बार आया माल सरकार (कस्टम वालो ) ने रोक लिया और काफी दिनों / महीनो बाद ..काफी बड़ा जुर्माना लगाने के बाद छोड़ा ! इतनी देर में उस माल का बाज़ार मूल्य भी कम हो गया और जुर्माना आदि की रकम जोड़ कर उस माल को बेचने पर भी करीब करीब पचास लाख का घाटा हो गया !
तीसरी बार भी कुछ कुछ ऐसा ही हो गया और काफी घाटा हो गया ! बाज़ार में अब चोपड़ा जी की साख भी कम होने लग गयी !
शर्मा जी व चोपड़ा जी जब ज्योतिषियों से मिले तो सब ने बताया कि आपकी कुंडली तो बहुत ही बढ़िया है ..गज केसरी योग है और वो भी नवम भाव में !
गज केसरी योग ...गुरु +चन्द्र की युती का होना एक जन्म कुंडली में बहुत ही महत्त्व रखता है , और इसका फल बहुत ही अच्छा गिना गया है !
लेकिन लाल किताब के अनुसार :-

जिनका भी गुरु + चन्द्र (गज केसरी ) खाना नम्बर नौ / नवें भाव में हो उनके लिए हिदायत है :-

जब कभी लड़की की कीमत या उसका पैसा (धन दौलत ) लेकर खावे ..चन्द्र और गुरु दोनों का फल मंदा बल्कि ज़हरीला ही होगा !


अब ऊपर लिखित दोनों में एक बात समान है कि दोनों व्यक्ति अपनी बेटी के धन दौलत से अपना व्योपार को बड़ा कर घर का गुज़ारा बढ़िया तरीके से करना चाहते थे ! मंशा (भाव / नीयत ) उनकी सही थी ,लेकिन जिन  से पैसा / रकम ली थी ,वो उनकी बेटी थी ..और वही उनको ज़हरीला असर दे गया और उन्नति के बजाये पतन में ले गया !  जो अपनी जन्म कुंडली के ग्रहों के बारे जानते हैं ...अगर उनकी भी कुंडली में यही युति (गुरु+चंदर ) नौवे भाव में है तो उनको हमेशा एक ही ख्याल रखना है कि बेटी के पैसे से दुरी रखे , बेटी की पगार उसके अलग खाते में ही रहने दें और बेटी को भी कहें कि  अगर हो सके तो अपने पैसे घर के खर्चे में कम से कम लगाये जिस से इस युति का भरपूर लाभ / अच्छा फल उनको मिल सके ! ऐसे हलात जैसे ऊपर बयान किये हैं।।उनका एक ही हल है की तुरंत बेटी का पैसा वापस कर दें जिस से व्योपार फिर से गति पकड़ सके ! जो व्यक्ति ज्योतिष के जानकार हैं ...अगर उनके पास इस तरह की युति वाला जातक आता है तो उसको समय रहते सावधान कर दें।।जिस से इस युति का बुरा प्रभाव उनको न मिल पाए !
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Best Wishes,
Vijay Goel