Monday, November 19, 2012

Collection of pearls from LK Pt VI from Jagmohan Mahajan

लाल किताब ... बिखरे मोती 26

by Jagmohan Mahajan on Sunday, June 24, 2012 at 4:39pm ·
घर में पति पत्नी की बातचीत  "जब से बेटी का विवाह हुआ है ....घर में बरकत ही बरकत है !"
पड़ोसियों की बातचीत .... "शर्मा जी ने जब से अपनी बेटी की शादी की है ...घर में हर तरफ
से सम्पनता ही टपक रही है ! लगता है कि बेटी की किस्मत ही खराब थी ! शायद मनहूस थी
तभी तो शर्मा जी कोई खास तरक्की नहीं कर पा रहे थे ! जैसे ही बेटी घर से गयी ...अमीरी आ गयी " !

आपने भी अक्सर ऐसी बाते देखी या सुनी होंगी ! क्या वास्तव में ही शर्मा जी की बेटी मनहूस थी ..
जब तक पिता के परिवार (मायके) में रही ..गरीबी में ही रही ..कोई सुख सुविधा नहीं देखी !
सारा समय छोटे छोटे कामो में या ऐसे ही गुजार दिया ..बस जीवन ऐसे था ... जैसे गुज़र बसर हो
रही हो ! क्या इसके लिए बेटी के ग्रहों को दोष दिया जा सकता है ? क्या वास्तव में ही उसकी
किस्मत खराब थी ? सवाल तो बहुत हैं लेकिन जवाब तलाशते हैं लाल किताब के द्वारा !
क्योंकि लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी बुध खाना / भाव नम्बर 7 में हो और उसी समय शनी खाना / भाव नम्बर 3 में हो उनके लिए लिखा है :-

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औरत का घराना अमीर हो जायेगा !
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बुध सात  में लिखा है                                                                
बैठा शनी हो घर जब तीजे ..ससुर अमीरी होती हो
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यह सब बाते उस समय काम आती हैं जब  बेटे / बेटी का रिश्ता करते हैं और गुण मिलान करते हैं !
अगर उसी समय दुसरे ग्रहों पर भी नज़र डाली जाये तो बहुत कुछ देखने सीखने को मिलता है !
ऐसे जातक जिनका बुध सात में हो और साथ के साथ उसी कुंडली में शनी तीन हो ... यह दोनों
ग्रहों की पोजीशन जिस किसी की भी कुंडली में होगी ..औरत हो या मर्द उसका ससुराल अमीर
हो जायेगा ! अगर औरत/लड़की की कुंडली में यह पोजीशन है तो यूँ समझे की उसका ससुराल
अमीर हो जायेगा ! तब पडोसी या घर के दुसरे सदस्य यह कहेंगे की जब से बहु घर में आयी है
बरकत ही बरकत है ! अब सुख का सांस मिला है ! कितनी किस्मत वाली है ! ऐसे ही अगर आपको
दामाद में यह ग्रह मिलते हैं तो समझे कि दामाद घर में खुशहाली ले आएगा ! दुसरे ग्रहों की पोजीशन
देख कर आप अपने लिए तथा या फिर आपके पास आये  माँ बाप जो रिश्ते के लिए मिलान के लिए
आपके पास आये हैं  उनको सलाह दे सकते हैं कि ऐसे ग्रह वाले जातक के साथ अपने बेटे/बेटी का
विवाह कर दें ताकि घर में खुशहाली / तरक्की /सुख सुविधा हर तरह से मजूद रहे ! ऊपर की पहली
हालत में आप बेटी को दोष न देकर आप यह समझे कि आपको दामाद ही ऐसा मिला है जिसके नसीब
में अमीर ससुराल लिखा है ! ऐसे ही बहु के नसीब में अमीर ससुराल लिखा है ! दोनों हालतों में अगर
ससुराल अमीर नहीं हैं तो अमीर हो जायेंगे ससुराल वाले !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 27

by Jagmohan Mahajan on Monday, June 25, 2012 at 3:03pm ·
"सर दर्द कर रहा है ....
सारा दिन घूमता रहा हूँ आर्डर लेने को ..
कोई खास आर्डर नहीं मिला ..ज़रा चाय बनायो...
चाय पी कर तरो ताज़ा महसूस करूँ ...अपने आप को ... "
घर आते ही पति महोदय ने अपनी पत्नी से ऐसे ही बात की !
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"माँ आज मुझे नौकरी मिल गयी "
बहुत बड़ी कम्पनी है ...सेल्ज़-मैन की नौकरी है ..काफी अच्छी पगार है !
कुछ दिनों / महीनो  के बाद
"माँ आज नौकरी से जवाब मिल गया "
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यह सब कुछ आम होता है ,लेकिन ऊपर की दोनों हालतों में एक बात आपने गौर की है क्या ?
दोनों व्यक्ति जो काम करते हैं , उसके लिए दोनों घूमते हैं ..एक अपनी नौकरी की खातिर
और एक अपने काम के लिए ! लेकिन दोनों परेशान हैं...काम का नतीजा अच्छा नहीं है दोनों के लिए !
एक का काम नहीं चल रहा आर्डर नहीं मिल रहे और दुसरे को भी कुछ इसी तरह के हलात का
सामना करना पड़ा होगा तभी नौकरी से जवाब मिल गया ! इन दोनों को ऐसे हलात का सामना क्यों करना पड़ रहा है ? देखते हैं लाल किताब इस बारे क्या कहती है ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी शनी खाना / भाव नम्बर 10 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-

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भारी पहाड़ की तरह स्थिर होकर यानी बैठा ही रहकर काम करने वाला हो या ऐसे काम हों जिनमे बैठा
ही रहना पड़े तो फायदेमंद लेकिन अगर दौड़ने भागने या (OUT DOOR DUTIES ) में हरदम मारा मारा फिरने वाला हो
तो मुर्दा सांप की तरह हर एक के पांवो तले आता होगा !
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अर्थात शनी दस वाले को ऐसे काम करने चाहिए जिनमे बैठना हो ..लेकिन घूम फिर कर आर्डर लेने
या घूमते ही रहना हो काम के लिए /नौकरी ऐसी है ,, तो नुकसान-देय होगा  ! जैसे सांप से सब डरते हैं ,,
तभी तक जब वो अपने बिल में है ,, अगर बाहर आ जाये तो लोग मार देते हैं ..डरते नहीं !  सांप बिल में
हो तो लोगो को डर सा लगा रहता है कि पता नहीं अन्दर कौन सा / या कैसा सांप है ! शनी दस वाला
जैसे ही घूम फिर कर काम करने का आदि हो जायेगा इज्ज़त भी कम होती जाएगी ! गया तो काम / आर्डर
के लिए लेकिन लोग उसको देख कर यही कहेंगे कि आ गया सर खाने या उसको टालने कि कोशिश करेंगे
कि कल / परसों आर्डर देंगे ! काम का नतीजा नहीं मिलेगा ! जितनी मर्ज़ी मेहनत कर ले ! अगर यही व्यक्ति
अपने दफ्तर से फोन करके आर्डर मांगे तो तुरंत मिल जायेगा ! घर बैठे / दफ्तर में बैठे ही काम चलेगा
लेकिन बैठा रहे अपनी जगह ! पुराने व्यापारी भी देखिये जैसे अपनी गद्दी पर बैठे ही रहते थे ! अगर
शनी दस वाला घूम फिर कर काम न करे तो ही अच्छा है ! एक जगह टिक बैठ कर करने वाली नौकरी
या अपना काम ही अच्छा नतीजा देगा ! आप भी अपने लिए अगर आपका शनी दस है या अपने पास
आये ये शनी दस वाले जातक को यही सलाह देकर उसका भला कर सकते हैं !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 28

by Jagmohan Mahajan on Tuesday, June 26, 2012 at 5:44pm ·
"भाई साहिब आपने जो चेक दिया था ..बैंक ने वापिस भेज दिया ..आपके खाते में पैसे नहीं थे !"
"कोई बात नहीं आ कर पैसे लेजाना आज में बाहर हूँ (झूठ ).....कल आ जाना "
यह दो व्योपारी भाइयों /लोगो  की बातचीत !
अगले दिन क्या हुआ ..पैसे लेने वाला जब दुकान पर आया तो गाली गलोच शुरू कर दिया जिसने
पैसे देने थे उसीने ! जिसने पैसे लेने थे उसको पीट भी दिया और इलज़ाम लगाया कि चोरी करने आया था !
कचहरी में साबित हो गया कि चोरी का आरोप झूठा  था ..बल्कि यह सब पैसे न देने पड़े इसलिए किया गया है...
पैसे लेने वाले ने साबित कर दिया कि यह व्यक्ति हमेशा ही उसके साथ झूठे वादे करता रहा है और जब चेक
दिया तो वो भी बिना भुगतान के वापिस मिल गया ! उल्टा मुसीबत गले पड़ गयी (जो सही थी ) ,
चेक वापिसी की वजह से जेल जाना पड़ा ! जो काम थोडा बहुत चल रहा था वो भी समाप्त और
जेल से वापिसी पर बाज़ार में साख न होने पर उधार न मिल पाने कि वजह से काम बंद और इसी
वजह से बीमारी ने घेर लिया !
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"बेटा तुम दुकान पर बैठना ..गुप्ता जी आयें तो उन्हें कहना कि पापा दिल्ली गए हैं किसी रिश्तेदार
की मृत्यु हो गयी है चार पाँच दिन बाद आये ! "
गुप्ता जी से पहले भी काफी झूठ बोल चुके हैं अपने यह महाशय ! घर जाते समय रस्ते में ही दुर्घटना
हो गयी जिसमे चोटों की वजह से दुकान पर आना मुश्किल हो गया ! क्योंकि पांव और टांग में
प्लास्टर भी चडाना पड़ा डाक्टर को ! घर पर ही रहना पड़ा तो बेटा छोटा होने की वजह से काम
नहीं संभाल पाया और गलत संगत में पड़ गया !
देखने में यह कोई खास बात नहीं लगती ! लेकिन एक समानता है दोनों में.. झूठ बोलना
और वादे करना... दोनों एक दुसरे के गुरु होंगे ! दोनों झूठ / वादे न निभा पाने की वजह से
मुश्किल में आये ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी केतु खाना / भाव नम्बर 7 में हो उनके लिए हिदायत है :-

ज़बान मंदा बुध झूठा वायदा ...ज़हमत बीमारी पाता हो !!

मंदी जुबान और झूठा वायदा ज़हमत बीमारी देगा !


"अगले सप्ताह तुम्हारे लिए गले का हार ला दूंगा !"
"काम करो अगले महीने पगार बड़ा दूंगा !"
"इस महीने माफ़ कर दीजिये अब आपको शिकायत का मौका नहीं मिलेगा !"

अगला सप्ताह कभी नहीं आया ..घर में या जिस से वायदा किया उस से लड़ाई झगडा होना शुरू हो गया !
अगले महीने पगार नहीं बड़ाई ! दो तीन महीने बाद वफादार कर्मचारी नौकरी छोड़ गया और काम कम
होने लग गया ! काम कम तो परेशानी बड गयी !
अगले महीने काम का अच्छा नतीजा क्या देना था ..बल्कि जैसे हमेशा करता था बाज़ार जाने के
बहाने घर चला जाता था ..फिर वैसा ही किया और नौकरी से जवाब मिल गया !

अक्सर यही चलता है ! लेकिन झूठ की बुनियाद पर व्योपार नहीं चलते !  नौकरी नहीं चलती ! 
झूठे वादे .. जिनका देना है समय पर न देने से व्योपार में उन्नति की सम्भावना .. नहीं रहती !
हो सकता है कि इस तरह कि चुस्ती चालाकी किसी को ठीक लगे लेकिन केतु सात वाला जैसे ही इस तरह
की बाते करेगा ..व्योपार और नौकरी में नुकसान ही प्राप्त करेगा ! रिश्तेदारी में ऐसा करेगा तो
संबध बिगाड़ लेगा ! कई बार तो ऐसी हालत हो जाती है कि निराशा के क्षण घेर लेते हैं और मानसिक
संतुलन बिगड जाता है !

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केतु सात वाला अगर जुबान कटे मगर जुबान से किया हुआ वादा न हटे
के असूल का हुआ तो कभी मायूस जिंदगी न होगी !
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अगर आप में या आपके किसी जातक ..जो आपके पास आये केतु सात हो तो उसको अपना वादा
पूरा करना है इस तरह का बना दें तो उसके लिए अच्छा ही रहेगा सारी जिंदगी ! समाज में और
अपने काम में उसका नाम रोशन ही होगा ! अगर निभा नहीं सकते तो केतु सात वाले को वादा करना ही नहीं चाहिए !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 29

by Jagmohan Mahajan on Thursday, June 28, 2012 at 12:19am ·
 " जैसा कि आप जानते हैं..आपके कहने पर ..कुंडली मिलने पर ही मैंने  बिटिया कि शादी की थी ! लेकिन जैसा कि हम चाहते थे या जैसा दामाद चाहते थे वैसा नहीं हुआ ...बिटिया खुश नहीं है ..हर समय हमें उलाहना देती रहती है कि कैसे घर में ब्याह दिया ! वो चाहती है कि सब कुछ छोड़ कर अपने मायके में आ जाये ,लेकिन संस्कार अच्छे हैं जो अभी तक नहीं आ रही ..कोई उपाय बताये जिस से उसको शादी शुदा जिंदगी ठीक चलने लग जाये ! "
ज्योतिषी जी ने कोई उपाय ..नाग/रत्न  ..पूजा पाठ ...बता दी और एक महीना बाद उसका नतीजा बताने को कहा !
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सब कुछ ठीक ठाक है लेकिन जब से बेटी ब्याही है ..... चैन नहीं मिल रहा रातों की नींद हराम हो गयी है !  हर समय ध्यान बेटी की तरफ ही रहता है ..सब कुछ दिया दहेज़ में ..लेकिन फिर भी बेटी परेशान ही रहती है !
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जब भी बहन घर आ जाती है ... ससुराल जाने का नाम ही नहीं लेती ..बहुत मुश्किल से भेजते हैं...न तो कोई परेशानी बताती है ... न ही कोई शिकायत करती है ..न ही ससुराल में इस तरह का माहौल है कि मारपीट होती हो ! लेकिन फिर भी ससुराल नहीं जाना चाहती
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ऊपर लिखित में से कोई भी घटना किसी के साथ भी घट सकती है !  यह सब ब्याह /विवाह  बिना कुंडली मिलान के नहीं हुए ! सब कुंडली मिला कर ..अच्छे अच्छे ज्योतिषियों से सलाह लेकर किये गए हैं ! फिर क्या कारण है कि लड़की / बेटी सुखी नहीं या अपने आप को खुश महसूस नहीं कर पा रही ! क्यों ससुराल में घुटन महसूस करती है और मायके का रुख करती है ! असल में सब में एक समानता है ! इन सब का विवाह मायके घर से जिस दिशा में किया गया है उसकी लाल किताब में मनाही ! लेकिन किस को मनाही और किस दिशा में मनाही है यही जानते हैं ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी बुध खाना / भाव नम्बर 6 में हो उनके लिए हिदायत है :-

लड़की होवे जो उतर ब्याही  ... सुखिया कभी न होती हो  !

अर्थात जिनका भी बुध छ हो उनको अपनी बेटी की शादी अगर उतर दिशा में करेगा तो बेटी कभी सुखी नहीं होगी !


यह लाल किताब का एक महत्व पूर्ण सूत्र है ... जिसकी शादी के समय पालना अवश्य करनी चाहिए ! देखने में यह आया है कि इस सूत्र की जानकारी ज़्यादातर ज्योतिषियों को नहीं है ! कुंडली मिलान तो कर देते हैं जो कि  बिलकुल सही होता है और न ही कभी किसी ज्योतिषी ने लड़की के बाप की कुंडली मांगी होती है ! लेकिन अगर आप इस सूत्र को जान गए हैं और आपको लड़की के बाप की कुंडली की जानकारी हो तो उसको सलाह दें कि बेटी की शादी उतर दिशा में न करे  ! उतर दिशा पुश्तैनी मकान से देखी जाएगी ! ऐसे हालत  में नौकरी करने वालो को बदली करवाने की सलाह देकर मैंने उनका घर बचाया है ...लेकिन मुश्किल तब आती है जब इस तरह का हल न किया जा सकता हो ! हाँ इस से यह फायदा उठाया जा सकता है कि अगर अब आपके पास कोई ऐसा शख्स आये जिसकी बेटी शादी के काबिल हो ..या आपके किसी भी जानकार के ..या आपके बुध छ हो तो बेटी की शादी उतर दिशा में न की जाये,, ऐसी हिदायत दे दें ! ऐसा अवश्य करे या उसको मानने की सलाह दें ! ऐसी हालत में जिस बेटी की शादी उतर दिशा में होगी वो ससुराल में कोई खास सुख नहीं पायेगी बल्कि दुखिया ही रहेगी लेकिन मायके में आते ही राहत महसूस करेगी ! यहाँ दोष कुंडली मिलान का नहीं बल्कि बाप के ग्रहों का है ! अगर आप बाप के ग्रहों के बारे जानते हैं तो ऐसी हिदायत की पालना अवश्य करें ,, जिस से बेटी का विवाहित जीवन सुखी रहे ! अगर हो सके तो बुध छ वाले की बहन की भी शादी उतर दिशा में न की जाये ! क्योंकि बुध छ वाले की बहन को भी उतर दिशा में ब्याह के बाद दुखी देखा गया है !

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लाल किताब ... बिखरे मोती 30

by Jagmohan Mahajan on Monday, November 19, 2012 at 11:40am ·
                 
 "अच्छा भला काम चल रहा था पता नहीं किसकी नज़र लग गयी "
यह शिकायत शर्मा जी अपनी पत्नी से कर रहे थे !
शर्मा जी की पत्नी का जवाब .....
"आप तो कहा करते थे ,अगर कुछ रकम मिल जाये तो काम बहुत ही बढ़िया चल निकलेगा !
अब तो आपने बेटी ने जो पैसा अपनी पगार का ,, अपनी शादी के लिए जोड़ा था ,उसको अपने काम में लगा दिया है ,कुछ दिन ठीक रहा ,आप खुश भी थे ,आज फिर से आप तंगी का रोना रो रहे हैं !"
यह तो हुई एक घर में हो रही बातचीत का ब्यौरा !
अब दूसरी तरफ चलते हैं  !
चोपड़ा जी की बेटी का तलाक हो गया ..तलाक के बदले मिली रकम करीब पचहतर लाख (75 lac ) !
चोपड़ा जी ने वो रकम अपने कारोबार में लगा दी यह सोच कर कि जब भी ज़रूरत होगी (दुबारा शादी के समय ) बेटी पर लगा देंगे या उसको दे देंगे !
उस रकम से निवेश किया और विदेश से आया माल काफी मुनाफे पर बिक गया (चोपड़ा जी का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का व्योपार है ) !
लेकिन दूसरी बार आया माल सरकार (कस्टम वालो ) ने रोक लिया और काफी दिनों / महीनो बाद ..काफी बड़ा जुर्माना लगाने के बाद छोड़ा ! इतनी देर में उस माल का बाज़ार मूल्य भी कम हो गया और जुर्माना आदि की रकम जोड़ कर उस माल को बेचने पर भी करीब करीब पचास लाख का घाटा हो गया !
तीसरी बार भी कुछ कुछ ऐसा ही हो गया और काफी घाटा हो गया ! बाज़ार में अब चोपड़ा जी की साख भी कम होने लग गयी !
शर्मा जी व चोपड़ा जी जब ज्योतिषियों से मिले तो सब ने बताया कि आपकी कुंडली तो बहुत ही बढ़िया है ..गज केसरी योग है और वो भी नवम भाव में !
गज केसरी योग ...गुरु +चन्द्र की युती का होना एक जन्म कुंडली में बहुत ही महत्त्व रखता है , और इसका फल बहुत ही अच्छा गिना गया है !
लेकिन लाल किताब के अनुसार :-

जिनका भी गुरु + चन्द्र (गज केसरी ) खाना नम्बर नौ / नवें भाव में हो उनके लिए हिदायत है :-

जब कभी लड़की की कीमत या उसका पैसा (धन दौलत ) लेकर खावे ..चन्द्र और गुरु दोनों का फल मंदा बल्कि ज़हरीला ही होगा !


अब ऊपर लिखित दोनों में एक बात समान है कि दोनों व्यक्ति अपनी बेटी के धन दौलत से अपना व्योपार को बड़ा कर घर का गुज़ारा बढ़िया तरीके से करना चाहते थे ! मंशा (भाव / नीयत ) उनकी सही थी ,लेकिन जिन  से पैसा / रकम ली थी ,वो उनकी बेटी थी ..और वही उनको ज़हरीला असर दे गया और उन्नति के बजाये पतन में ले गया !  जो अपनी जन्म कुंडली के ग्रहों के बारे जानते हैं ...अगर उनकी भी कुंडली में यही युति (गुरु+चंदर ) नौवे भाव में है तो उनको हमेशा एक ही ख्याल रखना है कि बेटी के पैसे से दुरी रखे , बेटी की पगार उसके अलग खाते में ही रहने दें और बेटी को भी कहें कि  अगर हो सके तो अपने पैसे घर के खर्चे में कम से कम लगाये जिस से इस युति का भरपूर लाभ / अच्छा फल उनको मिल सके ! ऐसे हलात जैसे ऊपर बयान किये हैं।।उनका एक ही हल है की तुरंत बेटी का पैसा वापस कर दें जिस से व्योपार फिर से गति पकड़ सके ! जो व्यक्ति ज्योतिष के जानकार हैं ...अगर उनके पास इस तरह की युति वाला जातक आता है तो उसको समय रहते सावधान कर दें।।जिस से इस युति का बुरा प्रभाव उनको न मिल पाए !
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Best Wishes,
Vijay Goel
 
 

Monday, August 20, 2012

Lal Kitab 1952 Farman 2 page 13



These lines says some thing about the mapping of evolution and thus birth of Jyotish.

अक्स ग़ैबी ज़ाहिर पहले----------------------था सितारों पर हुआ
नक़्श जिसका पीछे दुनिया---------------------के दिमाग़ों आ हुआ

The power of God was first reflected on stars, as they were created and galaxies are formed.
Through that effect of stars on the Minds, created the meaningful image on this world.

\\दिमाग़ी ख़ानों का असर तब--------------------हाथ की रेखा हुआ
चांद सूरज फ़लकी दुनिया-----------------------से जहां दो बन गया\\

That effect of Minds further gets impregnated in forms of lines in palms.
The main luminaries of solar system is Sun and Moon which divided the mind into two half's.

\\इल्म ज्योतिष इस तरह पर---------------------जब सितारों से हुआ।
सीधी टेढ़ी हाथ रेखा-----------------------------से क़ियाफ़ा चल पड़ा।\\

In this ways the effects of stars when appears in palms, the subject Jyotish (Lal Kitab) came into existence to read this divine message of supernatural effects (अक्स ग़ैबी)

\\दिमाग़ दायाँ/बायां हाथ बाएं/दाएं-----------------पर चमक जब दे चुका
हुक़्मनामा उसकी क़ुदरत/अपनी क़िस्मत--------मुट्ठी बन्द इन्सान था\\

The luminaries (Sun and Moon) has made their fix impression of spark twilight on the intelligent mind. The left side of mind control right hand and vice-verse. The right palm lines indicate the aims and purpose of life whereas left hand indicates the inherent fortunes and resources available. Hence the close palm holds the information of birth.

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This is just a simple views which came in my mind..
Regards,
Veejay Goel
Lal Kitabi.
Astrologer and Vastu Counselor
email : goelvj@gmail.com
Cell : +91 8003004666
www.IndianAstroVedic.com
www.VijayGoel.net

Tuesday, June 19, 2012

Collection of pearls from LK Pt V from Jagmohan Mahajan


लाल किताब ... बिखरे मोती 21
by Jagmohan Mahajan on Wednesday, June 13, 2012 at 6:17pm ·
हर माँ  बाप की इच्छा होती है कि बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा , अच्छे से अच्छा स्कुल कालेज , जिसमें शिक्षा अच्छे से मिले  , उसी में दाखिल करवाया जाये ! और हर माँ बाप यही करते भी हैं ! सब कुछ मन मुताबिक ही चल रहा है...बच्चे के अध्यापक , रिश्तेदार सब खुश हैं कि बच्चा लायक है....होनहार है  ! माँ बाप का नाम रोशन करेगा !  अच्छा कालेज .. अच्छी शिक्षा ! जहाँ तक तो सब ठीक है ...अब उम्र हो चली है शादी की ! माँ बाप को चिंता होने लगी ! शादी के लिए रिश्तेदारों को ...जानकारों को कहना शुरू कर दिया ! अख़बार में विज्ञापन भी दे दिया ! बेटी है या बेटा कोई अंतर नहीं ...जब जवान हो जाएँ तो माँ बाप शादी की ही सोचते हैं ! लेकिन अचानक एक दिन पता चलता है कि माँ बाप जहाँ शादी करना चाहते हैं ..बच्चे ने इंकार कर दिया ! जहाँ माँ बाप चाहते हैं उस , रिश्ते में कोई कमी नहीं ..बराबर का है लेकिन लड़का या लड़की मान नहीं रहे ...माँ बाप से वो बगावत पर उतारू हो गये ! जहाँ वो चाहते हैं (लड़का /लड़की )  माँ बाप नहीं मान रहे ! घर से भाग कर अदालत में जाकर शादी कर ली ! ऐसी शादी का फल कैसा होगा  !  लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी शुक्र खाना / भाव नम्बर 5 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-


आशिकाना मुहब्बत के नतीजा पर की हुई शादी या माँ बाप की मर्ज़ी के बिना की गयी शादी
और वो भी लड़की की खूबसूरती की वजह से ..तो ऐसे प्राणी की औलाद उसे बाप न कहेगी
या बाप न मानेगी  ! या ऐसी औलाद बाप के काम न आयेगी !


यह हिदायत सिर्फ और सिर्फ शुक्र पाँच वालो के लिए है ! मेरे देखने में यह आया है कि जैसे ही शुक्र पाँच वाले ने माँ बाप की मर्ज़ी के बगैर शादी की बाद में यही लोग बहुत खराब हुए ! जवानी में प्यार हो जाना कोई बड़ी बात नहीं ..शादी के लिए माँ बाप को मान जाना चाहिए या नहीं इसमें दो राय हो सकती हैं ...लेकिन जैसे ही माँ बाप को पता चले की औलाद की कुंडली में शुक्र पाँच है ....और वो शादी अपनी मर्ज़ी से करना चाहता है..तुरंत हामी भर दे ! अगर बेटे/बेटी की जिद के आगे झुक कर या ख़ुशी से शादी में शामिल ना होना मज़बूरी से होना  ... भी शादी का फल खराब करेगा ! ऐसे ही आप बच्चो को समझा सकते हैं ..कि बिना मर्ज़ी से की गयी शादी कोई अच्छा असर नहीं देगी ! अगर शादी कामयाब हो भी गयी तो औलाद काम ही नहीं आयेगी ! मैं एक ऐसे जोड़े को जानता हूँ जिसने घर से भाग कर शादी की ..दोनों के शुक्र पांच है ,, अब दो लड़कियां हैं उनके ! अब वो डर रहे हैं कि जो कुछ उन्होंने किया था.. अब उनकी बेटियां भी वैसा न कर लें ! सरकारी नौकरी है ! मान-सम्मान पूरा है , लेकिन अन्दर ही अन्दर उनको डर खाए जा रहा है ! रोजाना सुबह छोड़कर आते है और खुद ही लेने जाते हैं कालेज से ! इसी वजह से उनके बच्चे (बेटियां ) भी परेशान हैं ! पढाई में भी पिछड़ रही हैं दोनों ! अगर आपकी कुंडली में भी शुक्र पांच है तो माँ बाप की मर्ज़ी से ही शादी करें ! अगर बच्चो की कुंडली में शुक्र पाँच है तो आप अभी से उनको समझाना शुरू कर दें या जहाँ वो कहें तुरंत शादी के लिए मान जाये ताकि उनकी शादी और शादी का फल (औलाद) उनको अच्छा मिले ! मैं किसी भी तरह की शादी के खिलाफ नहीं हूँ .....लेकिन अगर शादी का फल ही ना मिले तो अच्छी बात नहीं है ! आज यह बाते बच्चो को समझ नहीं आयेंगी ...........लेकिन कल को यही बाते जब याद आयेंगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी !

लाल किताब ... बिखरे मोती 22
by Jagmohan Mahajan on Thursday, June 14, 2012 at 4:47pm ·
कर भला होगा भला ...सदियों से यही सुनते आ रहे हैं ..अटल सचाई है जिसे आज तक कोई नहीं झुठला पाया ! जैसे आप दुसरो के लिए सोचते हैं वैसे ही आपको फल प्राप्त होते हैं ! अक्सर गुस्से में हम लोग आपा खो देते हैं और किसी को भला बुरा कह देता हैं ! चाहे हमारी नियत ऐसी न हो क्षणिक गुस्से में ही बोला गया है ऐसा !  ऐसे ही किसी पर जब  खुश होते हैं तो उसकी भलाई की कामना करते हैं ...उसके लिए अच्छे अच्छे ... शब्द जिस से उसका अच्छा हो भला हो , कह देते हैं ! पहला जो है उसको बद दुआ या श्राप कह सकते हैं और दुसरे को आशीर्वाद या दुआ कह सकते हैं ! यह वो बाते हैं जो हर कोई जानता है ! लेकिन क्या किसी की दुआ या बद दुआ का असर होता है ? हाँ....... बिलकुल होता है और आज के जमाने में भी होता है ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी बुध खाना / भाव नम्बर 5 में हो उनके लिए लिखा है :-

खुशहाल -उसके मुंह से निकला हुआ ब्रह्मवाक उत्तम होगा !

जुबान से पता नस्ल तेरी जो चलता
उसे काबू फिर क्यों न तू करता !


अर्थात जिस व्यक्ति के भी बुध पांचवे भाव में होगा अगर वो अचानक भी कोई अच्छी बात किसी के लिए भी कह दे ... तो उस बात की ,, पूरी होने की सम्भावना शतप्रतिशत के लगभग है ! शायद ही उसके मुंह से निकला हुआ अच्छा शब्द पूरा न हो ! क्योंकि इसके साथ साथ लाल किताब में यह भी लिखा है ज्ञान भंडार उसके मुंह से निकला हुआ ब्रह्मवाक (अचानक कही हुई बात ) का असर उत्तम व नेक होगा ! यह तो हुई नेक व आशीर्वाद जैसी बात ! लेकिन इसके साथ साथ मैं उनको ..जिनका भी बुध पांच में है यह हिदायत भी देता हूँ (मैं जातक को लिख कर देता हूँ ) कि कभी भी किसी के लिए बुरा न सोचे और न ही करें ! अगर अच्छी बात पूरी हो सकती है तो बुरी बात भी पूरी हो सकती है ! जो दुसरो के लिए खडा खोदता है खुद भी खडे में गिरता है ! इस बारे भी बुध पांच वाले के लिए लाल किताब में लिखा है (जब बुध मंदा हो ) ...इंसान और हैवान में सिर्फ ज़बान  का फर्क है मगर पता नहीं चलता कि अब उसकी ज़बान  को क्या हो गया  है यानि खुद उसकी अपनी ही ज़बान खराबी का बहाना  होगी ! मतलब  साफ़ है कि बुध पांच वाला  अगर अच्छी जुबान/सोच  का मालिक हुआ तो बहुत ही अच्छा अगर खराब सोच/जुबान का मालिक हुआ तो अच्छा फल नहीं देगा ! दुसरो को आशीर्वाद देना या उनके लिए भला कहना तुझ को कामयाबी देगा और बुरा कहना/सोचना खराबी का बहाना होगा ! फैसला आपका ... आप क्या चाहते हैं !  ऐसे ही अगर आपके पास  कोई बुध पांच वाला आये तो आप उसकी सोच को सही दिशा में सोचने / करने कि सलाह दें जिस से उसका भी भला हो और वह दुसरो का भी भला कर सके  ! क्या पता उसके मुंह से निकला हुआ आशीर्वाद किसी को अच्छा कर दे ! जिस से उसका भी भला हो जाये!
लाल किताब ... बिखरे मोती 23
by Jagmohan Mahajan on Sunday, June 17, 2012 at 3:30pm ·
सोच ..जैसे ही सोच बदलेगी ..काम भी बदल जायेगा ! काम बदल जायेगा से भाव यह है कि काम का नतीजा बदल जायेगा ! सोच गन्दी होने से काम मंदा होना शुरू हो जायेगा ! गन्दी सोच को बदल कर जैसे ही सोच को अच्छा किया ..नजरिया बदला ... काम का नतीजा चमत्कारिक रूप से बदलने लगा ! सब कुछ अच्छा होने लगा ! सिर्फ सोच ही नहीं बदलनी उसको अमली जामा भी पहनाना है ! सत्संग में जाने को लोग / ऋषि मुनि क्यों कहा करते थे  ??  वहां अच्छी अच्छी बाते सुन कर इन्सान अपनी सोच को भी बदल लेता था / है ! इसीलिए सत्संग का महत्व है !  बिना वजह ही भाइयों में मनमुटाव आम बात हो गयी है ! शायद कोई वजह भी हो सकती है ...घर का बटवारा पसंद नहीं आया या भाई ने ही बेईमानी कर ली ! भाईओं में मनमुटाव की बहुत सारी वजह हो सकती हैं ! लेकिन अगर भाई ने बेईमानी की या चलता काम / व्योपार अपने पास रख लिया तो आप अपने मन में कोई गिला शिकवा न रखे ! भाई छोटा है तो आप यह समझे कि आपने अपनी मर्ज़ी से उसको ज्यादा दे दिया अगर बड़ा भाई है तो आप यह समझे कि उसने आपको मेहनत करने का मौका दिया है ! बात सिर्फ सोच को आशावादी करने की है ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी मंगल खाना / भाव नम्बर में हो उनके लिए लिखा है :-

भाइयों की पालन करता हुआ लोह लंगर का मालिक !!

गिरे नज़र से भाई अपने जो तेरे

पहाडा 2 दूनी का 2 तुझको घेरे  !!!


अर्थात जैसे ही मंगल दो वाले ने अपने भाई को अपनी नज़र से गिरा दिया या उसका अहित सोचने लगा ..वैसे ही उसकी उन्नति रुक जाएगी ! अकसर बचपन में जब स्कुल में पड़ते थे ...पहली क्लास में .. पहला सबक जो याद कराया जाता था..हिसाब का ..वो यही हुआ करता था..आपको भी बखूबी याद होगा
एक दूनी दूनी ..या एक दूनी दो
दो दूनी चार
मतलब कि दो का पहाडा ...दो को दूनी बोला गया है ! (यानि दो गुणा) अब दो को दो से गुणा करे तो जवाब चार होना चाहिए ! लेकिन यहाँ तो दो दूनी दो ही बोला गया है ..क्यों क्योंकि जैसे ही मंगल दो वाले ने अपनी नज़र से अपनी भाई को गिरा दिया उसका पहाडा / उन्नति यहीं रुक जायेगा कभी चार नहीं हो पायेगा ! लेकिन अगर मंगल दो वाले ने अपनी उन्नति करनी है तो उसको अपने भाइयों के लिए अपने मन से वैर निकालना ही पड़ेगा ! जैसे ही यह अपने भाइयों की पालना करने लग जायेगा लोह लंगर का मालिक बन जायेगा !

लोह लंगर का मालिक  >> ऐसे व्यक्ति के द्वार से कोई खाली हाथ नहीं जायेगा सब के लिए खाने पीने का समान हर समय मौजूद ... !!

ऐसा व्यक्ति जब भी किसी की सहायता करना चाहेगा .... धन दौलत / माया की ज़रूरत पड़ेगी ..पूरी हो जाएगी ! खुद अपने लिए या अपनी ज़रूरत चाहे पूरी न हो ! दुसरो को / अपने भाईओं को करोडो दे सकता है ,, पाल सकता है , अपनी शर्त नहीं है ! लेकिन यह सब तभी होगा जब वो अपने भाइयों के लिए अपने मन में बैर न रखेगा ! वर्ना दो दूनी दो ही रहेगा ! उन्नति के लिए ..दो दूनी चार के लिए भाइयों के लिए दुआ .. भाइयों के लिए अच्छे की कामना करना .. निहायत ही ज़रूरी है ! भाइयों के मन में आपके लिए क्या है ..यह उनका अपना मसला है ..लेकिन आपके मन में अपने भाइयों के लिए क्या है ...बस इसी पर गौर करें ...! दो दूनी चार अवश्य होगा ! इस से आप अपना खुद का वह दुसरो का भी भला कर सकते हैं !
लाल किताब ... बिखरे मोती 24
by Jagmohan Mahajan on Monday, June 18, 2012 at 7:13pm ·
क्यों क्या हुआ ...?
पुलिस क्यों घर आयी है ?
क्या यह शख्श कोई गलत धंधा करता है या गैर क़ानूनी काम किया है इसने कोई ?
अक्सर पड़ोस में या किसी न किसी के साथ ऐसा हो जाता है ! ऐसा क्या कर दिया
इसने कि बात पुलिस तक पहुँच गयी और पुलिस को घर आना पड़ा ! न तो इस शख्श
का कोई इस तरह का हेराफेरी वाला काम है और न ही कभी गली - मोहल्ले में या
एरिया में यह शख्श बदनाम है ! अपने काम से काम रखता है और जब भी किसी को
ज़रूरत पड़ी ..उसका साथ दिया ! अपने एरिया में इसकी इज्ज़त मान भी ठीक ही है !
एरिया के लोग भी इसके दुःख सुख में शामिल होते हैं और यह भी उनके  दुःख सुख का
साथी है ! पड़ोसियों के पूछने पर पता चला कि इसने किसी की जमानत दी थी ......
जिसकी जमानत दी थी वो भाग गया और उसी वजह से पुलिस इसके घर आई है  !
अगर सबके साथ ऐसा होने लग जाये तो कोई भी किसी कि जमानत न देगा !
क्या जमानत देना वास्तव में गलत बात है या कोई खास ग्रह भी आपको यह बता
सकता है कि जमानत न दें ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी शुक्र खाना / भाव नम्बर 8 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-

कब्र दुसरे की न जब कोई पड़ता
कसम पर जमानत क्यों फिर तू भरता  !!


अर्थात आज तक कोई भी ऐसा नहीं हुआ जो किसी की कब्र में खुद पड़ गया हो !
फिर तेरे को ऐसा क्या हुआ की तू दुसरो की कब्र में पड़ना चाहता है !
शुक्र आठ वाला जब भी किसी के लिए कसम खायेगा या जमानत देगा कभी भी
अच्छा फल नहीं मिलेगा ! हश्र वही होगा जैसा की ऊपर ब्यान किया गया है !
शुक्र आठ वाले को अपने किसी भी सगे संबधी /  मित्र या किसी भी जानकार के
लिए जमानत देना या उसके लिए कसम खाना  कभी भी नेक या उत्तम नहीं होगा !
साफ़ मना कर देना ही अच्छा रहेगा ! कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं की जमानत
देनी ही पड़ जाये तो फिर उसका नतीजा भी भुगतने को तयार रहना चाहिए शुक्र आठ
वाले को ! नतीजा यही है कि खुद भुगतना पड़ेगा ..जिसकी जमानत दी ..जिस वजह से दी ..
उसकी भरपाई आपसे करवाई जा सकती है ! अगर शुक्र आठ वाला इसके लिए त्यार है तो फिर ख़ुशी ख़ुशी जमानत दे दे ! अगर आपके या आपके किसी जानकार के शुक्र आठ है तो आप भी खबरदार हो जाये और किसी दुसरे को भी खबरदार कर दें कि जमानत देना ऐसा ही है जैसे किसी दुसरे की कब्र में खुद पड़ना ! 

लाल किताब ... बिखरे मोती 25
by Jagmohan Mahajan on Tuesday, June 19, 2012 at 2:46pm ·
अमानत ...आपके पास अगर कोई कुछ रख जाये वो अमानत कहलाता है !
अगर आप उसे वापिस न करे तो अमानत में खयानत कहलाता है ! आप किसी
से कुछ लें  आये और वापिस नहीं करने गए या उसके मांगने पर मुकर ही गए
तो भी अमानत में खयानत कहलाएगी ! या किसी से किसी बहाने कोई वस्तु
मांगी और वापिसी न की ...या वापिस लेने वाला ही न रहे .... वापिस नहीं देने
गए कि लेने वाला ही नहीं रहा अब कौन मांगेगा ...  तो भी यह अमानत में खयानत
ही है !  इन छोटी छोटी बातों का बहुत ही महत्व है ..देखने में यह छोटी बात हो
सकती है ...लेकिन यह आपके लिए कई बार बहुत ही नुकसान-देह साबित हो सकती
है ! और कोई सपने में भी नहीं सोच सकता कि ऐसा किया गया या बेध्यानी में हो
गया ...तो उसका बुरा फल प्राप्त हो रहा है ! लाल किताब के अनुसार :- 


जिनका भी सूर्य खाना / भाव नम्बर 12 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-
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अमानत का मार लेना ...सूर्य की उत्तम आग को गंदे पेशाब से बुझाने जैसा ही होगा !!
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अर्थात जैसे ही सूर्य बारह वाला किसी की अमानत मारेगा ..सूर्य अपनी चमक बहाल
नहीं करेगा या ऐसा शख्श जिंदगी में चमक नहीं पायेगा ! हर इन्सान चाहता है कि वो
चमके ... उसका भी नाम हो ! लेकिन क्या ऐसे काम किये जा रहे हैं जिस से नाम हो !
नेक नियति और चालचलन वैसा है जैसा कि चमकने के लिए होना चाहिए ? जैसे ही
सूर्य बारह वाले ने अमानत में खयानत की ...चाहे जानबूझ कर या अनजाने में ..सूर्य
अपनी चमक कम कर देगा ! अनजाने में कैसे हो सकती है ? छोटा सा उदाहरन दे कर
समझा सकता हूँ ! बड़े शहरो में ही नहीं बल्कि आजकल छोटे शहरो या कस्बो में भी
किट्टी पार्टी या कमेटी चलाने का चलन है ! जैसे ही किसी को उस के पैसे मिले ...अगर
वह यह समझे कि वो उन लोगो की अमानत है जो उस किट्टी  पार्टी के सदस्य हैं ! जिसको कि उसने समय पर या मांगने पर या बिना मांगे ही लौटाना है ! लेकिन बहुत से लोग इस बात का महत्व नहीं समझते और यह रकम मार लेते हैं ! क्योंकि यह रकम समय पर ही देनी होती है ..इसको समय पर न देना या बिलकुल ही न देना एक जैसा ही है ! जो लोग भी ऐसा कर रहें हैं या करते हैं ...वो अपना सूर्य ही कमज़ोर कर रहे हैं ..सूर्य अपनी चमक पूरी तरह नहीं देता ! अगर ऐसे में इस तरह की आदत वाले का सूर्य खाना / भाव  नम्बर बारह में हुआ तो तबाही का आलम ....बहुत ही बुरा वक़्त गुजरने लग जायेगा ! इसी तरह से और भी बहुत कुछ हो सकता है जो अमानत के दायरे में आता हो ...आपने खुद सोचना है कि इस तरह की कोई अनजाने में या जानबुझ कर या किसी जिद्द की वजह से आप किसी का समान / रकम न लौटा रहे हों और जब से ऐसा हुआ है आपका समय / हालात खराब चल रहे हो तो ..जिसका समान आपके पास है ..किसी की  रकम आपने कोई... जो भी अमानत के दायरे में आये देनी है , तुरंत दे दें या समान लौटा दे जिस से सूर्य अपनी चमक बहाल कर दे और आप भी समाज में चमक सके ! आपके मन में है कि आपने किसी से पैसे लिए ...यह कह कर कि आप वापिस दे देंगे ...लेकिन लेने वाला कहीं चला गया या वो रहा ही नहीं तो ? ऐसी हालत में आप
यह पैसा उसके परिवार के अन्य सदस्य जो कि उसकी पत्नी...भाई...बहन...माँ बाप को दे दें ! जिस से आपका अमानत में खयानत का दोष दुर हो सके ! ऐसे ही आप अपने लिए वह अपने जानकार जिनका सूर्य बारह हो हमेशा के लिए ख़बरदार कर सकते हैं कि अमानत में खयानत कभी न करे !
जिस से सूर्य अपनी चमक बहाल रखे ! आप सदा सूर्य की तरह चमके इसकी प्रार्थना भगवान से करता हूँ !

Thanking You,
Regards,
Vijay Goel
Astrologer and Vastu Counselor,
Mob : 92145 02239
email : goelvj@gmail.com
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