Tuesday, June 19, 2012

Collection of pearls from LK Pt III from Jagmohan Mahajan


लाल किताब ... बिखरे मोती 11
by Jagmohan Mahajan on Tuesday, May 8, 2012 at 12:02pm ·
घर की ग्रहिणी ..रसोई की मालकिन ..रसोई में क्या पक रहा है,,,, कैसे पक रहा है..... उस से भी घर के सदस्यों की सेहत पर असर पड़ता है ! मसाला.. तेल और भी काफी सारे मिश्रण ही आपके खाने को स्वादिष्ट  बनाते हैं...और घर के सदस्यों की सेहत का सारा दारोमदार इसी खाने पर निर्भर है !घर की  ग्रहणी अगर अकलमन्द  और सुलझी हुई तो घर के सब सदस्य  खुश और स्वस्थ  रहेंगे ! लेकिन कई बार ऐसा होता नहीं है ! सब कुछ सही इस्तेमाल हो रहा है ... लेकिन घर से बिमारी नहीं निकल रही या सेहत के ताल्लुक में कुछ न कुछ मंदा होता रहता है ! अगर आप ज्योतिषी हैं या अपनी कुंडली के बारे जानकारी रखते हैं तो इस से आप अपना तथा जातक का भला कर सकते हैं ! लाल किताब के अनुसार :--


जिनका भी  मंगल खाना / भाव  नम्बर में हो ........उनके लिए लाल किताब में हिदायत है कि

हर रोज़ रोटी बनाने का तवा जब गर्म हो जाये तो उस पर ठन्डे पानी के छींटे डालकर रोटी बनाने से घर की बीमारिया दूर होंगी !


अगर घर में बिमारी नहीं है तो भी इस पर अमल करने से कोई नुकसान नहीं होने वाला ! बस एक आसान सी विधि है और इससे परिवार के सब सदस्यों का स्वस्थ ठीक रहेगा और मंगल खाना / भाव नम्बर 8 का सेहत के ताल्लुक में जो बुरा असर घर के सदस्यों पर या जातक पर होना है / होगा..... उस से बचाव ही होता रहेगा ! बस घर की ग्रहिणी को इस पर अमल करने को कहे ..इसे नित्य का क्रम ही बना ले ! आपकी अच्छी सेहत की  कामना करते हुए इस पर विराम देता हूँ !
लाल किताब ... बिखरे मोती 12
by Jagmohan Mahajan on Thursday, May 10, 2012 at 4:20pm ·
ऐसे लोग जो राज दरबार / सरकार से ताल्लुक रखते हैं..सरकारी ठेकेदारी या सरकारी कर्मचारी हैं...नेक नियति से काम कर रहे हैं ! लेकिन फिर भी कोई न कोई अड़चन लगी ही रहती है ! काम की चिंता या नौकरी की चिंता ! कब अफसर नाराज़ हो जायें और किसी  काम में कोई नुक्स निकाल कर सरकार से किये काम का पैसा रुकवा दे   ..अगर सरकारी कर्मचारी हैं तो कोई भी सच्चा झूठा दोष लगा कर नौकरी  खतरे में .... जैसे हालात  पैदा कर देना / हो जाना ...कुछ इस तरह का डर अगर आपको अपने अफसर की तरफ से लगा ही रहता है तो ! कहने का भाव यह है की सरकार की तरफ से धन दौलत की परेशानी लगी ही रहना ! यह किस ग्रह के कारण हो सकता है ! लाल किताब के अनुसार :--

जिनका भी ब्रहस्पति  खाना / भाव नम्बर 3 में हो उनके लिए हिदायत है कि

राजदरबार ( सरकार ) से सही तरीके से  गुज़ारा हो .किसी तरह की परेशानी न आये इसके लिए दुर्गा जी का पाठ और कम उम्र की मासूम लड़कियों ( कंजको / कंजक /कन्या  ) को मीठा आदि देकर उनका आशीर्वाद लेते रहना चाहिए !


ब्रहस्पति 3 वाला अगर सरकार से ताल्लुक रखता है और चाहता है कि कभी कोई परेशानी न आये तो कन्याओ का (जो माहवारी अय्याम में न गई हो  ) आशीर्वाद लेना और उनकी सेवा करने से सरकार कि तरफ से परेशानी आने कि सम्भावना नामात्र हो जाएगी !  इसके साथ साथ दुर्गा जी का कोई भी पाठ करता रहे.... सरकार से फायदा मिलना शुरू हो जायेगा ! लेकिन अगर उसमें यह आदत नहीं होगी,, कन्याओ का आदर सत्कार नहीं करेगा,,,तब हमेशा ही सरकारी उलझन में उलझा ही रहेगा और अपनी रकम / नौकरी का नुकसान करता ही रहेगा ! ज़रूरी नहीं कि यह सिर्फ सरकार से जुड़े व्यक्ति को ही करना चाहिए अगर आपका / आपके किसी जानकार का ब्रहस्पति खाना / भाव  नम्बर 3 में है तो उनको  भी राय दें कि  ब्रहस्पति के सही फल लेने के लिए वह यह सब करें !
लाल किताब ... बिखरे मोती 13
by Jagmohan Mahajan on Sunday, May 13, 2012 at 2:27pm ·
दुश्मन ..हर कोई चाहता है कि उस के दुश्मन बिलकुल ही न हो.... अगर हों तो उस से कमज़ोर ही हों ! अपने दुश्मनों पर हर कोई विजय पाना चाहता है ! दुश्मनों को अपने सामने झुकता हुआ देखना चाहता है लेकिन दुश्मनी को ख़तम नहीं करना चाहता ! इस तरह के काम करने चाहिए कि दुश्मन पैदा ही न हों ! लेकिन कई बार व्यापर में   / नौकरी में .... आगे निकलने कि होड़ में खामखा ही.. बिना वजह ही दुश्मन पैदा हो जाते हैं...आपके मन में किसी के लिए कोई दुर्भावना नहीं ...लेकिन जिस को आपके आगे निकलने से जलन हो रही है ....वो आपसे दुश्मनी करने लगता है ....आपको किसी न किसी तरह से नीचा दिखाना चाहता है ....न तो आपके मन में उसके लिए वैर है और न ही उसके मन में कोई खास तरह का नुकसान आपको पहुँचाने की मंशा ( इच्छा ) है ....लेकिन अपने मन में उसने आपको एक तरह से दुश्मन जैसा  मान लिया है ! उसको जब भी मौका लगेगा आपको नीचा दिखा ही देगा ! लेकिन भगवान ही जब आपकी मदद कर रहा है तो ? भगवान की यह कृपा कैसे होगी / होती है ! लाल किताब के अनुसार :--



जिनका भी शुक्र खाना / भाव नम्बर 8 में हो उनके लिए हिदायत है कि

दान छोड़े सिर मंदिर टेके ...शत्रु सिर कलम होता हो !!
अर्थात दान लेना छोड़ देवे और मंदिर में सिर झुकाता रहे तो दुश्मन का सिर खुद बखुद कट जायेगा !



अगर ऐसे व्यक्ति जिनका शुक्र खाना / भाव नम्बर 8 में हो अगर मंदिर में सिर झुकाने की आदत का आदि हो जाये तो उसके दुश्मन उसके सामने सिर नहीं उठाएंगे और उनका(दुश्मन) सिर झुक जायेगा या उनमें इतनी हिम्मत ही नहीं रहेगी कि वो उसकी बुराई या उसका कुछ बुरा कर सके ! शुक्र 8 वाले को  भगवान की तरफ से ही मदद मिलती जाएगी और दुश्मनों का सिर हमेशा नीचा ही रहेगा ! लेकिन मैं मंदिर को सिर्फ मंदिर न समझ कर इसको हर तरह के धर्मस्थान के आगे सिर झुकाने का आदि हो जाने की नसीहत देता हूँ ! आपने भी अक्सर देखा होगा की जब कोई व्यक्ति किसी धर्मस्थान के आगे से निकलता है तो उसका सिर खुद बखुद झुक ही जाता है... चाहे गाड़ी / स्कूटर पर ही क्यों न हो.... लेकिन कुछ लोगो में यह आदत नहीं होती ...इस आदत को सब को अपनाना चाहिए क्या पता इस से कोई ईश्वरीय मदद मिल ही जाये ! जैसा की शुक्र 8 वाले को मिलती है !
लाल किताब ... बिखरे मोती 14
by Jagmohan Mahajan on Sunday, May 13, 2012 at 10:22pm ·
औलाद का न होना , औलाद का पेट में ही नष्ट हो जाना दोनों अलग अलग बातें हैं ! जैसे ही बच्चा पेट में आया ..औरत को किसी तरह की बीमारी ने घेर लिया और डाक्टर की सलाह के अनुसार गर्भ को गिराना पड़ा या कुछ इस तरह से हो गया कि किसी दुर्घटना की वजह से बच्चा पेट में ही नष्ट हो गया ! कई बार तो यह बार बार हुआ ! तब मन में यही विचार आता है कि काश ऐसा होने से तो बेहतर था कि भगवान उम्मीद की किरण ही न दिखाता ! निराशा के इन्ही क्षणों में इस तरह की सोच का आना कोई नई या अलग तरह की बात नहीं ! क्या ऐसा संभव है कि जो उम्मीद की किरण दिखाई दी है,,, वो पूरी हो जाये और किसी तरह की कोई भी बीमारी या दुर्घटना न हो जिस से फिर से निराशा के क्षण घेर लें ! ऐसी हालत में आशा की किरण आपको लाल किताब दिखाती है ! लाल किताब के अनुसार :-


जैसे ही मालूम  हो कि औरत गर्भवती  हो गयी  है (गर्भ ठहर गया है ) ....उसी  समय औरत के बाजु  पर  लाल रंग  का सूती  धागा  बांध  दे... जो बच्चे के जन्म पर .. .. बच्चे के बाजु पर बांध दे ... और बच्चे की माता अपने बाजु पर नया धागा लाल रंग का ही बांध ले ! यह रक्षा बंधन कहलाता है और इसको बच्चे के बाजु पर 18 महीने तक रखें ! औलाद कि उम्र में बरकत देगा  !  खासकर तब जब किसी के बच्चे मरते जाते हों !


यह ज़रूरी नहीं कि यह रक्षा बंधन  उसी औरत के  बांधा जाये जिसके बच्चे न बचते हों ! यह आप हर गर्भवती औरत को..... इसको करने के लिए कह सकते हैं  जिस से किसी भी तरह का खतरा नहीं रहेगा या यूँ समझे कि न के बराबर खतरा रहेगा ! हर लाल किताब वाला इसको अवश्य करवाता है ! मैंने खुद भी हजारों औरतो को इसकी राय दी है और अभी तक शायद ही किसी ने शिकायत की है कि यह असफल हुआ है ! मेरा यह  सब लिखने का मकसद बस इतना ही है कि आप भी दुसरो को इसकी राय दें और पुण्य के भागी बने , जिस से लाल किताब का जो मकसद है , समाज की भलाई का पूरा हो ! आप चाहे तो इसको अजमाया हुआ उपाय या टोटका कुछ भी कह सकते हैं क्योंकि इसको करने के लिए किसी भी तरह से ग्रहों की गणना या उनकी अच्छी बुरी हालत देखने की आवशयकता नहीं है ! किसी ने आपको फोन किया या किसी भी समय पूछा आप इसकी राय दे सकते हैं  ! 
लाल किताब ... बिखरे मोती 15
by Jagmohan Mahajan on Monday, May 14, 2012 at 2:37pm ·
व्यापार बहुत ही बढ़िया चल रहा है , किसी तरह की कोई कमी नहीं , हर कोई चाहता है की व्यापार को आगे बढाया जाये  ! हर कोई चाहता है कि आसमान कि ऊँचाइयों को छुहा जाये !  जिस से व्यापार के लिए माल आदि  लेते हैं ,उसको समय पर भुगतान भी दिया जा रहा है ! लेकिन अचानक ही मन में ख्याल आया कि अपना कारखाना लगाया जाये जिस से समय पर माल बन जायेगा और नफा भी बड़ जायेगा ! या किसी ने इस तरह का सुझाव दे दिया कि जो माल बाज़ार से खरीदते हो ..सीधा फैक्ट्री से या डीलर आदि से खरीदो  ...कहने का भाव यह है कि मन में आया कि काम बढाया जाये ! बहुत ज्यादा पैसा चाहिए ! किसी से सांझेदारी कर ली जाये ! इस समय सांझेदारी के लिए अपने रिश्तेदारी में नज़र मारी ! सांझेदारी के लिए रिश्तेदार को मना लिया या वो मान गए ! सांझेदारी ससुराल पक्ष से की गयी !नतीजा ... सब कुछ बर्बाद हो गया ! नुकसान शुरू हो गए ! चलता काम रुक गया ! बाज़ार में साख गिर गई ! ऐसा क्या हुआ लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी शुक्र खाना / भाव नम्बर 7 में हो उनके लिए हिदायत है कि :--

औरत खानदान के मर्दों  का ...टेवे वाले के कारोबार में हिस्सेदार बनकर या साथी बनकर काम करने से माली हालत व  ग्रहस्ती हालत में खराबी ही देगा !


अगर ऐसा  व्यक्ति जिसका भी शुक्र खाना / भाव नम्बर 7 में हो सांझेदारी के आलावा भी... अगर अपने साले / ससुर को मदद देने की नियत से अपने साथ काम पर लगा लेगा तो भी बुरा नतीजा ही मिलेगा ! उसकी अपनी माली हालत तो खराब होगी ही , साथ के साथ ग्रहस्त सुख में भी कमी आनी शुरू हो जाएगी ! जैसे ही शुक्र 7 वाला अपने साथ अपने ससुराल पक्ष से किसी को काम पर (अपने साथ) लगाएगा परेशानिया आनी शुरू हो जाएगी ! जिस तरह का काम है उसी के मुताबिक परेशानी ! ज्यादा बड़ा काम है तो सरकार टैक्स लगा देगी या किसी महकमे का छापा पड़ जायेगा ! मैंने तो आगजनी तक होते देखी है ऐसी हालत में !  आप भी अपने जानकर ..जिनका शुक्र 7वें हो उसको राय दें की ससुराल से मिलकर काम न करे अगर कर रहे है तुरंत अलग हो जाये वर्ना नतीजा बहुत ही बुरा होगा ! इसको उपाय समझे या परहेज़ या नसीहत !  किसी दुसरे व्यक्ति / रिश्तेदार से मिलकर काम कर लें ..ससुराल से संबध तो ठीक रखे... लेकिन काम/व्यापार/हिस्सेदारी  के लिए दुरी उचित रहेगी !

Thanking You,
Regards,
Vijay Goel
Astrologer and Vastu Counselor,
Mob : 92145 02239
email : goelvj@gmail.com
www.IndianAstroVedic.com

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