Tuesday, June 19, 2012

Collection of pearls from LK Pt IV from Jagmohan Mahajan


लाल किताब ... बिखरे मोती 16
by Jagmohan Mahajan on Monday, May 14, 2012 at 11:20pm ·
घर में ख़ुशी का माहौल है ! कोई त्यौहार  गया  ! घर के सब सदस्य खुश हैं कि ख़ुशी से त्यौहार मनाएंगे ! 
किसी रिश्तेदार के घर / पारिवारिक सदस्य के घर किसी मंगल कार्य के लिए जाना है ,, त्यारी चल रही है , 
प्रोग्राम घर में बन गया कि सब चलेंगे ! कहने का भाव यह है कि कोई भी ख़ुशी का मौका हो ..
घर के सब सदस्य मिल बैठ कर मनाते हैं ! इस में किसी भी तरह से दो राय नहीं है ! 
हंसी ख़ुशी त्यौहार या फंक्शन मनाया जाता है ! क्या सब घरो में ऐसा ही होता है ! जवाब है हाँ ! 
लेकिन अचानक ही किसी घर में इसके उल्ट होने लग जाये तो ? 
जैसे ही घर का कोई सदस्य बालिग हुआ या अपने को बड़ा समझने लगा ..वो हर ख़ुशी के मौके पर घर में क्लेश का वातावरण उत्पन करने लग गया ,,, बिना किसी वजह के !  ऐसा हो सकता है !! 
क्योंकि लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी राहू जन्म कुंडली के खाना / भाव नम्बर 5 में है अगर वो व्यक्ति 
ख़ुशी दिन में त्यौहार -काफ़िर जो बनता 
निशानी लावल्दी की - पैदा वह करता  !!  

अर्थात जिनके भी राहू खाना / भाव नम्बर 5 में  हो अगर वो घर में त्यौहार / ख़ुशी के मौके न मनाये तो एक तरह से खुद ही औलाद के योग मंदे कर लेगा !



जैसे ही कोई ख़ुशी का मौका आएगा ,, ऐसा व्यक्ति जिसके राहू 5वें होगा कोई न कोई अड़चन खड़ी कर देगा ! जिस से ख़ुशी का मौका बेदिली से या बिना हर्शौउल्हास  से मनाया जायेगा ! इसको इस तरह से समझे कि घर में शादी का उत्सव है ..लेकिन इस (राहू 5 वाले ने ) ने जिद पकड़ ली है कि अगर इस उत्सव में वो (कोई भी रिश्तेदार हो सकता है /जीजा ..मामा ..चाचा ) आयेगा तो वो नहीं आयेगा ! घर से भाग जायेगा ! घर में कलेश खड़ा हो गया ! अगर बच्चा है तो ऐसे मौके पर वो किसी नए मॉडल के फोन की जिद कर बैठा...अगर बिलकुल छोटा बच्चा है तो किसी कपडे की या खिलोने की जिद कर बैठा जिस से माँ बाप परेशान हो गए ! मतलब यह की किसी को भी ख़ुशी सही तरीके से नहीं मनाने दी ! अगर ऐसा ही राहू 5 वाला कर रहा है तो .....अगर बच्चा है तो उसको समझाए ताकि आगे चल कर औलाद सुख मिल सके ! अगर बड़ा है तो उसको भी किसी तरीके से समझाए - मनाये और  हंसी ख़ुशी सभी इस में शामिल हों ! जिस से आगे चल कर किसी तरह की मुश्किल न आये ...औलाद के मामले में ! 
लाल किताब ... बिखरे मोती 17
by Jagmohan Mahajan on Tuesday, May 15, 2012 at 5:54pm ·
शकुन अपशकुन कब और कैसे प्रचलन में आए कोई नहीं जानता ! कुछ लोग इसको वहम कह कर बच निकलते हैं और कुछ लोग हर तरह का वहम पाल लेते हैं ! क्या यह सब ग्रहों के आधार पर हो सकता है या मनघडंत बाते हैं !  अगर किसी को किसी काम पर जाते हुए कोई अपशकुन सा हो जाये (जैसा उसका वहम आदि हो) तो काम नहीं होता , ऐसा उसका मानना है , यही बात उसने अपने दोस्तों / रिश्तेदारों को बताई , वो भी इस वहम को मान बैठे ! आसान सा कारन है इसका , आपको बताता हूँ , ग्रहों के आधार पर कि यह कैसे संभव हुआ होगा ! कुंडली के बारह खाने / भाव होते हैं ! किसी भी तरह का वहम अगर किसी एक पर लागु हो , ग्रहों के आधार पर तो वो कुल दुनिया के आठ प्रतिशत लोगो पर लागु हो ही जायेगा ! किसी ने कहा मेरा काम नहीं हुआ ...जब काम पर जा रहा था , तो ऐसा हो गया कि काम ही नहीं बना , अब उसकी बात दुनिया के आठ प्रतिशत लोगो पर लागु होगी ! हो सकता है कि जिसको बताया उसका कोई ग्रह उसी खाना / भाव में हो जो उस के लिए  वहम न हो कर एक चेतावनी हो कि अगर इस तरह का ग्रह हो तो ऐसे वक़्त काम नहीं बनेगा ! बात फ़ैल गयी और वहम कि हद तक लोगो ने मानना शुरू कर दिया ! क्योंकि आठ प्रतिशत लोगो ने ही उस को बड़ा चड़ा कर कहना शुरू कर दिया ! सब से बड़ा वहम किसी भी काम पर जाते समय छींक का आना या किसी दुसरे का छींक देना ! यह वहम या असलियत ! आयिए जानते हैं कि इस बारे लाल किताब क्या कहती है ! लाल किताब के अनुसार :--


जिनका भी राहू खाना / भाव नम्बर 6 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-

आगे से उल्ट छींक मंदे असर की पहली निशानी होगी !


अर्थात जिनका भी राहू खाना / भाव नम्बर 6 में हो अगर वो कहीं काम के लिए जा रहे हों / घर से या दफ्तर से निकले सामने से किसी ने छींक दिया तो काम पर न जाये ! राहू 6 वाले को इसको पूरी तरह से मानना चाहिए वर्ना वही नुकसान में रहेगा ! अब यह वहम नहीं है बल्कि परहेज़ है , जिसे मानकर उसका अपना ही भला होगा ! यह सिर्फ राहू 6 वाले के लिए ही नहीं है बल्कि राहू 12 वाले को भी इसकी पालना करनी चाहिए क्योंकि उसके लिए लाल किताब में लिखा है , नेक काम शुरू करने के वक़्त आगे से उल्ट छींक मंदे नतीजे की पहली निशानी होगी ! जैसा की ऊपर लिखा है वहम कैसे फैला होगा ! अब खुद ही देखे कि अगर कुंडली के दो घरो / भाव में इस तरह की मनाही है तो सोलह प्रतिशत ( ज्यादा हो सकता है ) के लिए मनाही हो गयी ! तो फिर परहेज़ जो राहू 6 - 12 वाले व्यक्ति ने करना है , वहम कैसे न बन जायेगा ! आप भी इसको माने अगर आपका भी राहू 6 या 12 में है ! दुसरे लोगो को भी इसको मानने के लिए कहें जो आपके पास आते हैं अगर उनका भी राहू इन्ही घरो / भाव में हो !

लाल किताब ... बिखरे मोती 18
by Jagmohan Mahajan on Wednesday, May 16, 2012 at 5:43pm ·
व्योपार के लिए जब भी किसी को किसी भी तरह की माली  मदद की ज़रूरत होती है तो उधार ले लिया जाता है ! या फिर किसी रिश्तेदार / मित्र /जानकार  से हिस्सेदारी कर ली जाती है ! या कोई नया काम करना है और एक से ज्यादा लोगो की काम में ज़रूरत है ,, या कोई हिस्सेदार मिलाना है जिस से काम अच्छा चल पाए ! ऐसे में एक ही सोच मन में आती है कि हिस्सेदारी किस से की जाये ..दोस्त-मित्र  या क्या कोई रिश्ता ऐसा भी हो सकता है कि हिस्सेदारी करने से नुकसान होगा या फायदा इसका कुछ पता चल सके ! हिस्सेदारी अगर करनी ही है तो किस से करे या कैसे लोगो से करे ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी चन्द्र + शनि किसी भी खाना / भाव में इकठे हों उनके लिए हिदायत है कि :-- 

किसी दुसरे के साथ से जो हम उम्र हो या बहिसाब उम्र दूसरी उम्र का साथी हो से धन पैदा होगा और शनि मदद देगा !!


अर्थात ऐसे व्यक्ति को जिनका भी चन्द्र + शनि इकठे एक ही खाना / भाव में हो (युति हो) ऐसे व्यक्ति को अगर हिस्सेदारी करनी ही है... तो अपने उम्र के बराबर लोगो से करे ...रिश्ते में वो चाहे बड़े ही क्यों न हो ! अक्सर देखने में आता है कि कई बार रिश्ता तो बड़ा होता है लेकिन उम्र करीबन करीबन एक जैसी होती है !जैसे कि चाचा/मामा आदि ! अगर ऐसा व्यक्ति अपनी उम्र से ज्यादा बड़े लोगो से (ताया या कोई और रिश्ता) से मिलकर या अपने किसी ऐसे दोस्त के साथ या अपने किसी लेनदार/देनदार जो उसके काम का माहिर हो मिल कर काम करेगा ...उम्र का अंतर अगर ज्यादा हुआ (छोटी/बड़ी उम्र) तो काम अच्छा फल नहीं देगा ! अच्छे फल के लिए अपने हम उम्र के साथ ही काम करना फायदेमंद रहेगा ! मेरे देखने में तो यहाँ तक आया है कि शादी भी ऐसे लोगो की नाकामयाब हुई है अगर उम्र का अंतर ज्यादा हुआ तो ! अंतर १-२ साल का ठीक रहेगा ! अगर कोई आपको काम में मिलाना चाहता है कि आपके पास रकम है और उसका काम और बड जायेगा अगर चलते काम में पैसा मिलाया जाये तो ... उसका भी  काम कम होने लग जायेगा और आपको भी नुकसान होगा अगर चलते हुए काम में हिस्सेदारी की ..अगर यहाँ पर भी आपने उम्र का ध्यान नहीं रखा तो ! हिस्सेदारी करते समय सावधानी रखे और ऊपर लिखी हिदायत का पालन करें और उन लोगो को भी जिनका चन्द्र + शनि इकठा (युति) है इसकी पालना करने को कहे जिस से उनको भी फायदा हो सके !
लाल किताब ... बिखरे मोती 19
by Jagmohan Mahajan on Monday, June 4, 2012 at 1:06pm ·
घर का मुखिया ..परिवार का मुखिया हमेशा ही घर/परिवार का सबसे बड़ा सदस्य जो हो उसीको ही बनाया जाता है ! यह सदियों से चली आ रही रीत है ! लेकिन आज जब संयुक्त परिवार ही नहीं रहे तो कौन इन रीतो की परवाह करता है ! आज हर कोई अपने घर / परिवार का मुखिया बनना चाहता है ! उम्र चाहे छोटी हो या बड़ी ..इस से कोई मतलब नहीं ! बस घर उसके इशारो पर चलना चाहिए ! घर बिखरता है तो बिखर जाये ..सही चल रहा है या नहीं ..कोई परवाह नहीं ! अपनी कम्पनी जहाँ काम करता है उसको सुचारू रूप से चला रहा है या सुचारू रूप से चल रही है  ..मालिक लोग भी प्रसन्न हैं..लेकिन घर सुचारू रूप से नहीं चल रहा ..हर कोई नाराज़ है ..घर में बरकत भी नहीं ..कलह क्लेश भी हो जाता है कभी कभार ! ऐसी हालत में क्या करना चाहिए ..लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी शुक्र खाना / भाव नम्बर 1 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-

घर की नम्बरदारी (मुखिया बनना) न सिर्फ अपनी बल्कि बाकी ताल्लुकदारो की भी तबाही का बहाना होगी !


अब शुक्र लग्न वाला ( खाना / भाव नम्बर 1 जिसे लगन भी कहते हैं  ) जैसे ही अपनी मर्ज़ी से घर को चलाने की कोशिश करेगा ...घर में क्लेश शुरू हो जायेगा ..चाहे घर उसी की कमाई से ही क्यों न चलता हो ! कम्पनी जहाँ वो काम करता है सिर्फ उसी की मर्ज़ी से नहीं चलती ! वहां हर काम एक दुसरे से सलाह मशविरा करके किया जाता है ! ऐसे ही व्योपार में होता है ! लेकिन जैसे ही शुक्र लग्न वाले ने अपनी मर्ज़ी करने की जिद्द की ..वैसे ही उल्ट पुल्ट होना शुरू हो जायेगा वो चाहे व्योपार हो या घर ! ऐसे व्यक्ति को हमेशा अपनी मनमर्जी जिद्द से नुकसान ही होगा ...लेकिन वोही काम अगर घर/कम्पनी के दुसरे सदस्यों से राय करके करे तो सही नतीजा देगा ! सलाह से भाव यह नहीं की आपने उनकी किसी भी तरह की राय पर अपनी ही मर्ज़ी लाद देनी है ..कहना नहीं मानना ..राय से भाव यह है की जो भी नतीजा निकले उसी पर अमल करना है ! जैसे ही शुक्र लगन वाला अपनी मर्ज़ी या जिद्द से घर का मुखिया बनेगा ..हो सकता है ,,, घर के दुसरे सदस्यों को शायद नागवार गुज़रे वो कहना नहीं मानेगे या हो सकता  है कि यही व्यक्ति गलत निर्णय ले ले जो घर के हित में न हो ..जिस से घर परिवार  बिखर सा जाये ! इसीलिए शुक्र लग्न वाले को एक ही राय दी जाती है कि मुखिया न बन कर सलाह लेकर काम करना अच्छे फल देगा ! अगर सलाह लेने से घर में शांति का ..बरकत का माहौल बन सकता है तो नुक्सान ही क्या है ! करना तो सबको ऐसा ही चाहिए लेकिन शुक्र लग्न वाले को इसे करना बहुत ही ज़रूरी है !
लाल किताब ... बिखरे मोती 20
by Jagmohan Mahajan on Tuesday, June 12, 2012 at 4:44pm ·
आज कल पुराने रीती रिवाज़ मान कर कोई भी खुश नहीं ...या आप इस तरह कहें कि लोग अपने रीती रिवाज़ भूलते जा रहे हैं ! कुछ रीती रिवाज़ इस तरह से हुआ करते थे कि किसी दुसरे का उस में शामिल होना ज़रूरी होता था ! हर ख़ुशी /ग़मी के मौके पर पहले कुल पुरोहित को याद किया जाता था ! आज लोग अपने कुल पुरोहित के बारे कुछ जानते ही नहीं ! जब भी कोई नया फल/सब्जी मौसम के अनुसार घर में आती थी ..मेरी माता जी सब से पहले मंदिर में उसका कुछ हिस्सा रख कर आया करती थी,, फिर घर में उसका प्रयोग होता था ! आज भी मेरी पत्नी इसको निभा रही है ! ऐसे ही एक रस्म है.. पित्रों के नाम पर श्राद्ध जिसे तक़रीबन लोग भूलते जा रहे हैं और आजकल ब्राहमण / पंडित लोग भी इस काम के लिए घर नहीं आया करते ! समृधि सम्पन्त्ता इसका कारण हो सकता है ! क्या सिर्फ श्राद्ध के दिनों में ही ब्राहमण लोगो को कुछ दिया जाना चाहिए ! लाल किताब इस बारे क्या कहती है ! लाल किताब के अनुसार :-


जिनका भी चन्द्र खाना / भाव नम्बर 8 में हो उनके लिए हिदायत है कि :-

बजुर्गो के दिन चीज़ चन्द्र जो देता ..
रुके न कभी सांस जब तक हो लेता !


अर्थात चन्द्र आठ वाले को हिदायत दी गयी है कि बजुर्गो के दिन ....श्राद्ध के दिन जो निश्चित हैं वो पित्रों को समर्पित किये गए हैं ..इन दिनों ब्राहमण  / पंडित लोगो को घर बुला कर उनको खिलाया जाता था ..उनको दान दक्षिणा दे कर विदा किया जाता था और यह माना जाता था की अगर ब्राहमण तृप्त हो गए तो पित्र तृप्त हो गए !लेकिन अगर चन्द्र आठ वाला बजुर्गो के नाम पर दूध पिलाएगा तो उम्र तो बढेगी ही लेकिन कई और तरह के नुकसान होने से भी बचाव होता रहेगा ! अगर चन्द्र आठ वाला ब्राह्मणों को दूध (चन्द्र ) नहीं पिलाएगा तो उसको दमा -मिर्गी  या लावल्दी तक हो सकती है ! लावल्दी यानि की बिना औलाद के ऐसा शख्श हो सकता है ! इसलिए इन बीमारियों या कमजोरी से बचने के लिए चन्द्र आठ वाले को यह सलाह दी जाती है की वो अक्सर अपने बजुर्गो/पित्रों के नाम पर ब्राह्मणों को दूध पिला दिया करे ! अपनी सुविधा अनुसार आप इसके लिए हर महीने की अमावस्या चुन सकते हैं..हर शनिवार का दिन चुन सकते हैं ..रोजाना पिला सकते हैं..कोई बंदिश नहीं ...लेकिन श्राद्ध अवश्य किया करे और साथ में उनको दूध अवश्य पिलाये , जिनको श्राद्ध का खाना दिया जा रहा है ताकि चन्द्र आठ अच्छे फल दे सके ! यह वो बातें हैं जो सबको करनी चाहिए लेकिन कम लोग निभा पा रहे हैं ,लेकिन चन्द्र आठ वाले को इसको एक नियम मान कर करना चाहिए ! 


Thanking You,
Regards,
Vijay Goel
Astrologer and Vastu Counselor,
Mob : 92145 02239
email : goelvj@gmail.com
www.IndianAstroVedic.com

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