Tuesday, June 19, 2012

Collection of pearls of LK Part I from Jagmohan Mahajan


लाल किताब ... बिखरे मोती 1
by Jagmohan Mahajan on Thursday, April 26, 2012 at 10:46pm ·
जैसा कि सब जानते हैं कि जन्म कुंडली का नीच ग्रह या मंदा ग्रह अपना मंदा असर उस साल देगा,, जिस साल लाल किताब के वर्षफल  के अनुसार  वो ग्रह नीच या मंदे घरों में आ जाये ! यह लाल किताब का एक नियम है ....
हर ग्रह अपना अच्छा या बुरा फल उस साल देगा जिस साल वो वर्षफल के अनुसार अच्छे / मंदे घर आ जाये  (जन्मकुंडली का अच्छा ग्रह अच्छे घर और मंदा ग्रह  मंदे घर )  ! लेकिन इसके साथ एक बात और याद रखने वाली है कि अगर खाना नम्बर 8 का ग्रह दुबारा से किसी साल खाना नम्बर 8 में आ जाये तो उस साल नीचे लिखा फल प्राप्त होगा/हो सकता है  ! लेकिन यहाँ पर याद रखे कि खाना नम्बर 8 का ग्रह मंदा होना चाहिए !
1 ...खाना नम्बर 8 के ग्रह का दोस्त ग्रह
2 .. खाना नम्बर के ग्रह का कुर्बानी का बकरा ग्रह
3 .. जन्मकुंडली का खाना नम्बर 6 का ग्रह 
इन सबके मुतुयल्का रिश्तेदार मृत्यु तुल्य कष्ट भोगेगें यह भी हो सकता है कि इन ग्रहों के मुतुयल्का कोई रिश्तेदार मृत्यु को प्राप्त हो ही जाये !
लेकिन अगर खाना नम्बर 6 का मंदा ग्रह जिस साल वर्षफल के अनुसार खाना नम्बरमें फिर से दोबारा आयेगा उस साल नीचे लिखा फल प्राप्त हो सकता है ....
1 ...खाना नम्बर के ग्रह का दोस्त ग्रह
2 .. खाना नम्बर 6   के ग्रह का कुर्बानी का बकरा ग्रह
3 .. जन्मकुंडली का खाना नम्बर का ग्रह 
इन सबके मुतुयल्का रिश्तेदार पाताली हालत / मंदी दशा बल्कि कम उम्र (उम्र को खतरा ) होने का सबूत देगा !

ऐसी ही और बहुत सारी बाते जिनसे जातक को काफी कुछ बताया जा सकता है और सावधानी बरतने को कह कर जातक का भला किया जा सकता है ! कोशिश करूँगा कि लाल किताब के ऐसे बिखरे हुए मोती जो लाल किताब में इधर उधर बिखरे हुए हैं एक ही जगह इकठे करके आपके सामने उनकी माला बना कर दे सकूँ  ..जिस से हर कोई फायदा उठा सके !

लाल किताब ......बिखरे मोती 2
by Jagmohan Mahajan on Sunday, April 29, 2012 at 4:10pm ·
खाना नम्बर 5 में अगर कोई ऐसे ग्रह जो आपस में दुश्मन हैं /पापी  बैठे हैं जो औलाद का सुख कम करते हों या औलाद की पैदायश में विघ्न /या जिंदा न रहने देते हों ..मसलन शनि खाना नम्बर 5 में बच्चे खाने वाला  सांप माना गया है ! तो क्या जिनके भी शनि खाना नम्बर 5 है उनके घर नर औलाद नहीं बच पायेगी या मकान बनाने के बाद औलाद पर मृत्यु का खतरा मंडराने लग जायेगा ? ऐसे ही खाना नम्बर 5 में अगर राहू/केतु  हो तो क्या नर औलाद नहीं होगी या देरी से होगी ..ऐसा ही हर लाल किताबी समझता है अगर किसी के औलाद है ..और खाना नम्बर 5 के अनुसार औलाद नहीं  रहनी चाहिए या कम उम्र हो सकती है ....बिलकुल सही हैटेवे  को  गलत कह देते हैं ! 

टेवे को गलत कहने से पहले खाना नम्बर 9 के ग्रह को भी देख लेना चाहिए ..अगर खाना नम्बर 9 में कोई ग्रह नहीं है तब यह नियम  लागु हो सकता है ? लेकिन अगर उसी समय जन्म कुंडली के  खाना नम्बर 9 में कोई भी ग्रह हो तो  ऊपर लिखित नियम में  बदलाव हो जाता है !


और बदलाव यह है कि जो ग्रह खाना नम्बर 9 में है ... उस  ग्रह को जो दिन / वार  दिया गया है , अगर उसी दिन / वार को  नर औलाद पैदा हो जाये तो वो कायम रहेगी उसकी आयु को कोई खतरा नहीं ! उदाहरण के तौर मान लीजिये खाना नम्बर 5 में शनि है और उसी कुंडली में खाना नम्बर में मंगल हो तो मंगलवार को पैदा हुई नर औलाद अपनी पूरी उम्र भोगेगी ! बेशक शनि और मंगल आपस में दुश्मनी रखते हैं ! इस हालत में औलाद को कोई खतरा नहीं !

लाल किताब ......बिखरे मोती 2
by Jagmohan Mahajan on Sunday, April 29, 2012 at 4:10pm ·
खाना नम्बर 5 में अगर कोई ऐसे ग्रह जो आपस में दुश्मन हैं /पापी  बैठे हैं जो औलाद का सुख कम करते हों या औलाद की पैदायश में विघ्न /या जिंदा न रहने देते हों ..मसलन शनि खाना नम्बर 5 में बच्चे खाने वाला  सांप माना गया है ! तो क्या जिनके भी शनि खाना नम्बर 5 है उनके घर नर औलाद नहीं बच पायेगी या मकान बनाने के बाद औलाद पर मृत्यु का खतरा मंडराने लग जायेगा ? ऐसे ही खाना नम्बर 5 में अगर राहू/केतु  हो तो क्या नर औलाद नहीं होगी या देरी से होगी ..ऐसा ही हर लाल किताबी समझता है अगर किसी के औलाद है ..और खाना नम्बर 5 के अनुसार औलाद नहीं  रहनी चाहिए या कम उम्र हो सकती है ....बिलकुल सही हैटेवे  को  गलत कह देते हैं ! 

टेवे को गलत कहने से पहले खाना नम्बर 9 के ग्रह को भी देख लेना चाहिए ..अगर खाना नम्बर 9 में कोई ग्रह नहीं है तब यह नियम  लागु हो सकता है ? लेकिन अगर उसी समय जन्म कुंडली के  खाना नम्बर 9 में कोई भी ग्रह हो तो  ऊपर लिखित नियम में  बदलाव हो जाता है !


और बदलाव यह है कि जो ग्रह खाना नम्बर 9 में है ... उस  ग्रह को जो दिन / वार  दिया गया है , अगर उसी दिन / वार को  नर औलाद पैदा हो जाये तो वो कायम रहेगी उसकी आयु को कोई खतरा नहीं ! उदाहरण के तौर मान लीजिये खाना नम्बर 5 में शनि है और उसी कुंडली में खाना नम्बर में मंगल हो तो मंगलवार को पैदा हुई नर औलाद अपनी पूरी उम्र भोगेगी ! बेशक शनि और मंगल आपस में दुश्मनी रखते हैं ! इस हालत में औलाद को कोई खतरा नहीं !

लाल किताब...बिखरे मोती 4
by Jagmohan Mahajan on Monday, April 30, 2012 at 8:59pm ·
वास्तु के अनुसार मकान का दरवाज़ा किस दिशा में होना चाहिए ? इस पर मतभेद की कोई गुंजायश नहीं है ! कई बार व्यक्ति जब मकान का  वास्तु चेक करवाता है (वैसे ही या किसी समस्या के आने पर ) तो वास्तु के  अनुसार मकान का दरवाज़ा ठीक दिशा में नहीं है ...ऐसा वास्तु शास्त्री कह देता है ! फिर क्या किया जाये ? वास्तु शास्त्री राय देता है कि घर / मकान के दरवाज़े की दिशा बदल दीजिये ! क्या इस से समस्या का समाधान हो जाता है ? अवश्य हो जाता है ...लेकिन कई बार इस से समस्या का समाधान नहीं होता ..बल्कि मुसीबते  दोगुणी रफ़्तार  से बड़ने लग  जाती हैं .....  तो क्या वास्तु शास्त्री गलत था ? जी नहीं वास्तु शास्त्री गलत नहीं था ! क्योंकि मकान के दरवाज़े कि दिशा बदलने के लिए भी आपको जन्म कुंडली चाहिए ,इसका ज्ञान उस वास्तु शास्त्री को नहीं था ! हर किसी  को दरवाज़े की दिशा बदलने के लिए  कुंडली की ज़रूरत नहीं ! लेकिन अगर आप इतना बड़ा निर्णय ले रहे है कि मकान के दरवाज़े की दिशा बदली जाये तो एक बार किसी लाल किताब वाले की राय अवश्य ले लें !

क्योंकि ...........

जिस भी व्यक्ति का जन्म कुंडली में शनि खाना नम्बर 11  में होगा ...अगर वो व्यक्ति अपने जन्म से पहले बने हुए मकानों /मकान के दरवाजों/दरवाज़े कि दिशा बदल देगा तो उसकी जिंदगी एक तरह से मातम की सराय हो जाएगी !

इसलिए शनि 11 वाले को यही राय दी जाती है कि अपने मकान के दरवाज़े की दिशा न ही बदले तो अच्छा है,,  चाहे वो मकान उसके जन्म से पहले बना हुआ या उसके बाद बना हुआ हो ! अगर किसी भी तरह की समस्या है तो उसका कोई दूसरा समाधान देखे  ..मकान के दरवाज़े की दिशा बदलने से समस्या का समाधान तो नहीं होगा बल्कि और ज्यादा हानि ही होगी !  यह हिदायत सिर्फ शनि 11 वाले के लिए है कि वो मकान के दरवाज़े की दिशा न बदले !

लाल किताब ...बिखरे मोती 5
by Jagmohan Mahajan on Tuesday, May 1, 2012 at 5:05pm ·
अक्सर देखने में आता है कि लोग किसीको अगर  रुपिया उधार देते है ,बाद में वो मिलता नहीं ! चाहे वो रिश्तेदारी में दिया गया हो या वैसे ही मेल मिलाप में ! जब खुद को ज़रूरत पड़ी तो अपनी ही रकम वापिस नहीं मिलती और संबध भी बिगड़ जाते हैं !  तो क्या लोगो पर यकीन करना बंद कर दें ? अगर ऐसा होने लग जाये तो लोग कभी भी एक दुसरे के काम नहीं आयेंगे ! क्या ग्रह ऐसा करवा सकते हैं कि अगर आप किसी को रकम देंगे तो उसके डूब जाने के आसार हैं ? ऐसा भी हो सकता है ? अगर आपके भी ग्रह ऐसे हैं या अगर आप ज्योतिष करते हैं तो आप अपने उस जातक का भला कर सकते हैं जो आपसे सलाह लेने आया है और उसके/जातक के  ग्रह भी कुछ इस  तरह हों ...


लाल किताब के अनुसार जिस भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल और शनि इकठे हैं (युति है) ,, चाहे किसी भी खाने/भाव में उस व्यक्ति को जब भी.... किसी भी तरह से,,,, किसी को भी, कोई भी रकम देनी हो , तो  उस से लिखित अवश्य करवाए ,, बाद में हिसाब करते समय चाहे जितना मर्ज़ी लिहाज़ कर दे या रकम छोड़ दे ! इस से रकम डूबने के आसार नहीं बनेंगे ,वर्ना मंगल + शनि  युति वाले कि रकम अक्सर  डूब ही जाया करती है !


अब अगर ऐसे युति मंगल=शनि  वाले के पास कोई रकम लेने आ ही गया है.... और उसको  ज़रूरत भी है....और ज़रूरत भी जायज़ है  और देने वाला देना भी चाहता है..... और डर भी है कि बाद में पता नहीं मिले या न मिले..... तो उसको चाहिए कि वो लिखित अवश्य करवा ले ..इस से रकम डूबने के आसार बिलकुल न के बराबर हो जायेंगे !

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Thanking You,
Regards,
Vijay Goel
Astrologer and Vastu Counselor,
Mob : 92145 02239
email : goelvj@gmail.com
www.IndianAstroVedic.com


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